सेना के जवान ने बनाया ग्रामीणों के लिए सोलर फ्रिज

October 08 2018

आज हम बताएँगे ऐसी चीज़ के बारे जिसे सुनकर आपको भी हैरानी होगी| आप ने सौर ऊर्जा से बिजली, पंखा आदि कई चीज़ों को चलते देखा होगा और अब हम सौर ऊर्जा से फ्रिज भी चला पाएंगे | ऐसा ही  कारनामा कर के दिखाया है| आईआईटी कानपूर के एक नौजवान ने जिसने सौर ऊर्जा से चलने  वाला फ्रिज बनाया है, जो आपको बिना बिजली के भी चीजों को ठंडी करने में मददगार होगा| 

जम्मू-कश्मीर के रहने वाले लेफ्टिनेंट कर्नल अखिल सिंह की सेना  को मुश्किल  इलाकों  में तैनात किया गया था| उन्होंने देखा कि बिजली नहोने की वजह से गांव के लोगों  को कोल्ड चेन वाली दवाएं लेने बहुत ज्यादा  दूर जाना पड़ता था और जिस कारण  दवा समय से न मिलने  पर अक्सर लोगों की मौत हो जाती थी.और  कृषि उत्पाद भी बिना कोल्ड चेन जल्दी खराब हो जाते थे. सैनिकों के खानपान का सामान भी इसी वजह से खराब हो जाता था |  रक्षा मंत्रालय ने उन्हें IIT कानपुर से एमटेक करनेभेजा तो उन्होंने इस समस्या के समाधान के लिए सौर उर्जा से चलनेवाली रेफ्रिजरेटर पर काम करना शुरू कर दिया. उनकी आठ महीने की कड़ी मेहनत  सफल हुई  और ई-कार्ट का पायलट प्रोजेक्ट कामयाब रहा.|

एक ई-कार्ट की लागत करीब पचास हजार रुपए होगी|  इस मोबाइल रेफ्रिजरेटर का इस्तेमाल भारतीय सेना द्वारा भी किया जा सकता है| इस कार्ट में सोलर पैनल, बैटरी, एक डीसी ऑपरेटर कंप्रेसर, चार्ज कंट्रोलरऔर एनर्जी मीटर लगे हुए हैं| सोलर पैनल से सूर्य की रोशनी को सीधेरफ्रिजरेटर में पड़ने से रोका जाता है| पैनलों को इस तरह से लगाया गया है कि अधिकतम सूर्य रोशनी को प्राप्त किया जा सकता है. इसमें लगी बैटरी का बैकअप 24 घंटे से ज्यादा है. इस फ्रिज की कैपेसिटी अभी 240 लीटर है. मिनिमम टेंपरेचर माइनस 12 डिग्री तक पहुंच जाता है. (WHO ) के मानकों के मुताबिक कोल्ड चेन वाली दवाओं को माइनस 2 से माइनस 8 डिग्री सेल्सियस तापमान पर रखना होता है.  इस तरह ये ई-कार्ट इस मानक को भी पूरा करता हमने अक्सर सड़कों  पर खोमचे  और ठेलों पर सामान बिकते देखा होगा जिस पर बिक्री के लिए रखी वस्तुएं  मौसम की वजह से ख़राब हो जाती है |  लेकिन आईआईटी  कानपूर की रेफ्रिजरेशन एवं एयर कंडीशनिंग प्रयोगशाला में एक पोर्टेबल रेफ्रीजिरेटर ठेला तैयारकिया है | जो पूरी तरह सौर ऊर्जा से चलता है | इसे किसी भी खोमचे पर लगाया जा सकता है | गांवों और मुश्किल इलाकों में कोल्ड चैन  बनाकर रखने में भी फायदेमंद है |

कानपूर के वैज्ञानिकों ने अलग -अलग मौसम में इसका परीक्षण कियाऔर कुछ वालंटियर्स की सहायता से पायलट लेवल डाटा प्राप्त करने का प्रयास किया गया और सड़कों पर सामान बेचने वाले  लोगों की प्रतिक्रिया लेने के बाद उसमे सुधार लाये गए | इसकी वजह से लाखों लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे|

Source: Krishi Jagran