नॉन स्टेबिलिस्ड ब्राण्ड निर्माताओं पर संकट संभावित
नई दिल्ली। उर्वरक मंत्रालय भारत सरकार के निर्णय के अनुसार सुपर फास्फेट उर्वरक अब केवल निर्माता कम्पनी के ब्राण्ड में ही बेचा जा सकेगा। इस पर मिलने वाली उर्वरक सब्सिडी भी केवल निर्माता को ही मिलेगी। निर्माता कम्पनी सुपर फास्फेट विक्रय हेतु अन्य कम्पनियों से अनुबंध कर सकती है परंतु विपणनकर्ता कम्पनी को निर्माता कम्पनी के ब्राण्ड में ही सुपर फास्फेट विक्रय करना होगा। गत 12 जनवरी 2018 को इस संबंध में नोटीफिकेशन जारी हो गया है। यह व्यवस्था 1 अप्रैल 2018 से लागू हो जायेगी।
उर्वरक उद्योग से जुड़े सूत्र बताते हैं कि इस व्यवस्था से अब सुपर फास्फेट निर्माता को स्वयं का मार्केटिंग नेटवर्क मजबूत बनाना जरूरी हो जायेगा। क्योंकि स्थापित विपणनकर्ता कम्पनियां स्वयं का ब्रॉण्ड न होने के कारण सुपर फास्फेट के विपणन से हाथ खींच लेगी। ऐसी स्थिति में जिन निर्माता कम्पनियों का ब्रॉण्ड बाजार में स्थापित नहीं उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। जिसका संभावित असर सुपर फास्फेट की उपलब्धता पर भी पड़ सकता है।
लगभग 85 सुपर फास्फेट संयंत्र
लगभग 7.7 मिलियन टन उत्पादन क्षमता
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Source: Krishak Jagat