समन्वित फसल पद्धति अपनाएं आय बढ़ाएं

September 28 2017

By: Krishi Jagran, 28 September 2017

कृषि विज्ञान केंद्र उज्जैन द्वारा ग्राम गुरदिया गुर्जर में सोयाबीन फसल पर प्रक्षेत्र दिवस मनाया गया| इस दौरान केंद्र के प्रमुख डॉ आर.पी शर्मा ने सोयाबीन किस्म जे एस 95 -60  की विशेषता बताते हुए अधिक उत्पादन लेने हेतु उपयोग की गई तकनीक पर विशेष प्रकाश डाला| सोयाबीन को रिज एवं फेरो फेरो पद्धति से लगाने पर अधिक उत्पादन प्राप्त होता है, साथ ही पौधों की जड़ों का विकास भी अच्छा होता है| प्रधानमंत्री ने भी अपने उद्बोधन में कहा है कि, किसान भाइयों की 2022 तक आय को दुगनी करने के लिए समन्वित फसल पद्धति के विभिन्न आयामों को अपनाना पड़ेगा यही एक मात्र तरीका है जिससे किसानों की आय दुगुनी हो सकती है| 

केंद्र के पौध संरक्षित वैज्ञानिक डॉ डी.के सूर्यवंशी द्वारा अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन में आयोजित फसल किट नियंत्रण उपयोग को बताते हुए उपस्थित ग्राम के कृषकों को बताया कि बीज उपचार एवं संही समय पर कीटनाशक दवाओं का उपयोग के साथ एकीकृत किट नियंत्रण उपाय अपनाने से अधिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है| केंद्र के प्रसार वैज्ञानिक एच.आर जाटव द्वारा उपस्थिति किसानों को सोयाबीन प्रक्षेत्र दिवस में आयोजित तकनीक को किसानों के बीच में रखा एवं किसानों से आह्वाहन किया की अधिक से अधिक किसान भाई इस तकनीक का प्रयोग करें तो मुनाफा अच्छा मिल सकता है| इस कार्यकम में कई किसानों ने भाग लिया और प्राप्त की गई नई तकनीक की जानकारी को सराहा और अपने खेतों में अगले वर्ष अपनाने की बात कही|           

इस (स्टोरी) कहानी को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह कहानी अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है|