रबी 2017-18 – 118 लाख हेक्टेयर में ली जाएंगी रबी फसलें

October 17 2017

Date 17 October 2017

भोपाल। प्रदेश में रबी 2017-18 में 118 लाख 31 हजार हेक्टेयर में फसलें लेने का लक्ष्य रखा गया है जो गत वर्ष रबी में हुई बुवाई के लगभग बराबर है। कम वर्षा की स्थिति को देखते हुए दलहनी फसलों पर जोर दिया जा रहा है तथा गेहूं का रकबा लगभग 8 लाख हेक्टेयर कम किया गया है। राज्य में आदान सामग्री की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। यह जानकारी संचालक कृषि श्री मोहन लाल ने कृषक जगत को एक विशेष मुलाकात में दी।

रबी कार्यक्रम के संबंध में श्री मोहनलाल ने बताया कि इस वर्ष 118.31 लाख हेक्टेयर में फसलें ली जाएंगी। जबकि गत वर्ष भी 118.18 लाख हेक्टेयर में बोनी की गई थी। उन्होंने बताया कि राज्य में इस वर्ष गेहूं 56 लाख हेक्टेयर में लिया जाएगा जबकि गत वर्ष 64.21 लाख हेक्टेयर में लिया गया था। इसमें कम वर्षा की स्थिति को देखते हुए सिंचित गेहूं के रकबे में कमी की गई है। गत वर्ष सिंचित गेहूं 52 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में लिया गया था जबकि इस वर्ष 36.66 लाख हेक्टेयर में लेने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही अर्धसिंचित तथा असिंचित गेहूं के क्षेत्र में वृद्धि की गई है। अर्धसिंचित गेहूं 15 लाख हेक्टेयर में तथा असिंचित गेहूं 4.29 लाख हेक्टेयर में लिया जाएगा। जबकि गत वर्ष क्रमश: 10.27 एवं 1.28 लाख हेक्टेयर में लिया गया था।

मटर, मसूर का रकबा बढ़ेगा

संचालक कृषि ने बताया कि इस वर्ष दलहनी फसलों के रकबे में वृद्धि की गई है। चना 36 लाख हेक्टेयर में लिया जाएगा जो गत वर्ष 32.52 लाख हेक्टेयर में लिया गया था। उन्होंने बताया कि गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष मटर 2 लाख हेक्टेयर बढ़ाकर 6 लाख हेक्टेयर में, मसूर पौने 2 लाख हेक्टेयर बढ़ाकर 7.56 लाख हेक्टेयर में तथा प्रमुख तिलहनी फसल सरसों के रकबे में सवा लाख हेक्टेयर की वृद्धि कर 8.35 लाख हेक्टेयर में लेने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि गन्ना 95 हजार हेक्टेयर में लिया जाएगा। साथ ही अन्य तिलहनी फसलों में अलसी, कुसुम एवं अरण्डी की बोनी भी कुछ रकबे में की जाएगी।

25 लाख टन फर्टिलाइजर लगेगा

श्री मोहन लाल ने बताया कि सूखा प्रभावित जिलों एवं तहसीलों में किसानों को सलाह देने के लिए मैदानी अमले को मुस्तैद किया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य में इस रबी में लगभग 25 लाख टन उर्वरक वितरण किया जाएगा जिसमें यूरिया 14 लाख टन, डीएपी 5 लाख टन, एसएसपी 6 लाख टन, कॉम्पलेक्स 1.55 लाख टन एवं एमओपी 50 हजार टन का वितरण लक्ष्य शामिल है।

संचालक कृषि ने बताया कि लगभग सभी संभागों में संभागीय बैठकें कर ली गई हैं। केवल चंबल एवं ग्वालियर संभाग की बैठक शेष है, जो शीघ्र होगी। उन्होंने बताया कि अंतिम संभागीय बैठक के बाद फसल लक्ष्यों में आंशिक परिवर्तन हो सकता है।

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Source: Krishak Jagat