मुंबई: महाराष्ट्र में एक बार इस्तेमाल कर फेंक दिए जाने वाली प्लास्टिक पर 23 जून की मध्य रात्रि से पाबंदी लागू हो रही है. इसके लिए मुंबई में जोरदार तैयारी की गई है. प्रतिबंधित प्लास्टिक के साथ पाये जाने वालों पर कार्रवाई करने के लिए 250 इंस्पेक्टरों का विशेष दस्ता बनाया गया है. इसके अलावा वैकल्पिक सामानों की प्रदर्शनी भी लगाई गई है.
तकरीबन 100 स्टॉलों में कागज के सुंदर मंडप, कपड़ों की तरह-तरह की थैली से लेकर, सुपारी के प्लेट, चम्मच, ग्लास और डब्बों के साथ कागज के स्ट्रा तक उपलब्ध हैं. एक चम्मच तो ऐसा भी था, जिससे खाना खाने के बाद उसे भी खाया जा सकता है. अनाज से बने चम्मच सादे और चोकलेट जैसे अलग-अलग स्वाद में उपलब्ध हैं.
प्लास्टिक पर पाबंदी की बात सुन सबसे पहला सवाल उठता है कि बारीश में कैसे काम चलेगा? तो इसका जवाब है स्टार्च से बनी थैलियां. बायो ग्रीन के सीईओ मोहम्मद सादिक ने बताया कि फल और सब्जियों के स्टार्च से बनी थैलियां वाटर प्रूफ और पर्यावरण के अनुकूल भी हैं. हालांकि इसके बाद भी कुछ सवाल हैं जिनके जवाब अभी मिलने बाकी हैं. मसलन तरल पदार्थ के खुदरा विक्रेता क्या करें? ऐसे व्यापारी प्रदर्शनी में अपना जवाब ना परेशान दिखे.
लेकिन बात पर्यावरण की है. इसलिए सरकार अपने फैसले पर अडिग है. शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि 23 जून से प्लास्टिक पर पाबंदी हर हाल में लागू होगी. पाबंदी प्रभावी तरीके से लागू हो इसलिए बी एम सी ने 250 इंस्पेक्टरोंका खास दस्ता बनाया है, जो 24 जून से प्रतिबंधित प्लास्टिक के साथ पाये जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगी.
वर्ल्ड एनवायरनमेंट डे: इस एक्ट्रेस ने मुंह पर पहनी पॉलिथीन तो प्लास्टिक की बोतलें फोड़ेंगे ये एक्टर
पहली बार पकड़े जाने पर 5000 रुपया तो दूसरी बार 10 हजार और तीसरी बार पकड़े जाने पर 25 हजार रुपया और तीन महीने की सजा का प्रावधान है. कोशिश पूरी तरह से प्लास्टिक उन्मूलन की है.
इनके इस्तेमाल पर पाबंदी :
सभी तरह की प्लास्टिक की थैलियां
प्लास्टिक के ग्लास, कप , कटोरी प्लेट, चम्मच
थर्मोकोल की प्लेट और ग्लास डेकोरेशन के लिए भी इस्तेमाल नहीं की जा सकती
इनके इस्तेमाल पर पाबंदी नहीं :
अस्पताल में इस्तमाल होने वाले प्लास्टिक के उपकरण, सलाईन, बोतल और दवाईयों के पैकेट.
प्लास्टिक की पेन, दूध, रेनकोट , खेती और नर्सरी के काम में इस्तेमाल होने वाले सामान रखने के लिए
अनाज रखने के लिए भी 50 माइक्रोन से ज्यादा की प्लास्टिक की थैली.
टीवी , फ्रिज ,कंप्यूटर जैसे सामानों को पैक करने के लिए भी प्लास्टिक और थर्मोकोल के इस्तेमाल जारी रहेंगे.
बिस्कुट, चिप्स और नमकीन के मल्टीलेयर प्लास्टिक पाउच, दूध की थैली, आधा लीटर की पानी की बोतल.
इस खबर को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह कहानी अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है|
Source: NDTV