फार्म टू फोर्क में कृषि विकास पर मंथन…

December 21 2017

पीएचडी चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स ने हाल ही में एक अन्तराष्ट्रीय कार्यक्रम फार्म टू फोर्क का आयोजन किया. इस कार्यक्रम में कृषि क्षेत्र से लेकर फ़ूड इंडस्ट्री से सम्बंधित तकनीकों पर चर्चा की गई. कार्यक्रम का विषय इसी कृषि समस्याओं पर आधारित रहा. कृषि सिंचाई तकनीक, फ़ूड न्यूट्रीशन, बायोफोर्टीफीकेशन, फार्म वेस्टेज, फार्म प्रोड्यूस, जीएसटी का कृषि में रोल, एफएफएसएसएआई का रोल, न्यूट्रीशन, प्रोटीन सिक्यूरिटी, और कोल्ड चैन आदि मुद्दो पर चर्चा की गई. इस कार्यक्रम की शुरुआत कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय के मंत्रियों और गणमान्य अधिकारीयों की उपस्थिति में की गयी.

इस मौके पर सभी गणमान्य अतिथियों द्वारा एग्रीहोर्टी फिर पटना और नॉलेज रिपोर्ट का विमोचन किया गया. इसके लिए बायोफोर्टीफिकेशन, कृषि पर जीएसटी, फार्म वेस्टेज और कृषि में ई-मंडीकरण पर चर्चा हुयी. इस दौरान तीन तकनिकी सेशन का आयोजन किया गया. इस सेशन में कृषि क्षेत्र से जुड़े हुए निजी कम्पनियों के प्रतिनिधि, गणमान्य सरकारी अफसरों ने आय हुए डेलिगेटस के सामने अपने विचार व्यक्त किए. ड्यूपोंत के इन्द्रनील चटर्जी ने न्यूट्रीशन एवं फ़ूड सिक्यूरिटी पर अपने विचार व्यक्त किए. सीडब्ल्यूआरसी के प्रबंध निदेशक के.यु. ठनकाचेन ने ई-रकम पोर्टल के बारे में बताया. यह सरकारी कंपनी सीडब्ल्यूआरसी द्वारा कृषि के क्षेत्र में की गयी एक पहल है.

उन्होंने बताया कि इस पोर्टल के माध्यम से एफपीओ और किसानो को जोड़ा जायेगा जिसके जरिए किसान अपना फसल उत्पाद बेच सकेंगे. लोजिस्टिक्स के क्षेत्र में काम करने वाली निजी कंपनी मार्केटयार्ड के सीईओ भुवन अतलुरी ने भी अपनी पर्जेंटेशन में इसी थीम पर चर्चा की. उन्होंने बताया कि मार्केटयार्ड के माध्यम से किसान अपने उत्पाद बेच सकते है. आईटीसी के उत्पादन हेड ने अपनी बताया कि किस तरीके से आईटीसी किसानों को फायदा पहुंचा रही है. उहोने बताया कि आईटीसी किसानों से सीधे उत्पाद खरीदती है. कंपनी सीधा किसानों के खेत से उत्पाद लेती है, जिसका किसानों को फायदा मिलता है. इस पूरे सेशन में सबसे ख़ास प्रस्तुति आद्विक फ़ूड के सीईओ हितेश राठी ने दी. उन्होंने अपनी कंपनी के विषय में बताया कि किस तरीके से उनकी कंपनी राजस्थान में ऊंटपालन करने वाले किसानों से दूध खरीदकर उसको एक्सपोर्ट कर रही है.

यह देश की पहली ऐसी कंपनी है, जो कि ऊंट का दूध प्रोक्योर करके उसको भारतीय एवं विदेशी दोनों मार्किट में बेच रही है. इससे किसानों को सीधा फायदा मिल रहा है . यह कंपनी जितना दूध ऊंटपालको से खरीदती है. उसका पूरा पैसा किसानों के खाते में जाता है. इसी के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया. इसी दौरान एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया. इस प्रदर्शनी में भी कंपनियों ने अपनी प्रतिभागिता की.    

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Source: Krishi Jagran