पिता की सीख और फोटोग्राफी का शौक ने सीखायी गजब की गार्डनिंग

February 07 2018

नेचर फोटोग्राफी की शौक और पिता की सीख ने गार्डनिंग करना सिखाया था और मैं पिछले 25 सालों से गार्डनिंग कर रहा हूं।’ ये कहना है पंचकूला के सेक्टर-7 निवासी डॉ. संजय कालरा का। 

उन्हें नेचर से बहुत प्यार है। इसलिए गार्डनिंग उनकी आदतों में शुमार है। डॉ. कालरा ने अपने घर की छत पर एक टैरिस गार्डन बनाया है। डॉ. कालरा अपने घर के गार्डन के साथ ही पंचकूला के सेक्टर-3 के गोलचक्कर के गार्डन की देख-रेख भी करते हैं।

डॉ. कालरा के गार्डन में करीब डेढ़ सौ गमले लगे हैं। वह रोजाना अपने गार्डन में पौधों की देखरेख के लिए सुबह और शाम दो घंटे समय देते हैं। डॉक्टर कालरा ने बताया कि पिछले 12 साल से वह फ्लावर प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे हैं।

हर बार प्रतियोगिता में पहला और दूसरा स्थान आता है। उन्होंने बताया कि पिछले साल पंचकूला में हुए स्प्रिंग फेस्ट में उनका पहला स्थान आया था।

खिलते हैं 55 तरह के फूल : 

डॉ. कालरा ने बताया कि उनके गार्डन में हर तरह के पौधे लगे हैं। इनमें 50 से 55 तरह के फूल के पौधें हैं। इनकी लैंड स्केपिंग हर साल फरवरी में बदली जाती है। डॉ. कालरा ने बताया कि उनके गार्डन में 25 साल पुराने बोनसाई भी लगे हैं।

गर्मियों में पौधों को विशेष केयर की जरूरत

डॉ. संजय कालरा ने बताया कि टैरिस गार्डन को मेंटेन रखने के लिए बहुत ज्यादा केयर करनी पड़ती है। इसमें ज्यादा पानी का इस्तेमाल होता है। गर्मियों में पौधों को छाया में रखा जाता है। भारी पौधों को छत पर रि-अरेंज करना पड़ता है।

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Source: Krishi Jagran