पराली की समस्या से निपटने का कारण राज्यों का लचर रवैया है..

November 16 2017

16 November 2017

दिल्ली के प्रदूषण के लिए केंद्र ने पड़ोसी राज्यों के लचर रवैया को जिम्मेदार ठहराया है। पराली की समस्या से निपटने के लिए कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने बैठक की जिसमें उन्होंने कहा कि पराली से निपटने के लिए टेक्नोलॉजी मौजूद है, लेकिन राज्य इसमें दिलचस्पी नहीं ले रहे। 

केंद्र सरकार का मानना है कि दिल्ली के प्रदूषण के लिए पराली जिम्मेदार है और इससे निपटने के लिए सरकार बाजार में जीरो टिल, सिड ड्रिल, हैप्पी सीडर जैसी मशीनें है जिसका इस्तेमाल किसान नहीं कर रहे है। दरअसल, मशीनें महंगी होने के कारण वजह से किसान इसे नहीं खऱीद रहें और पराली राज्य टेक्नोलॉजी की तरफ ध्यान नहीं दे रहे।

इधर, दिल्ली की हवा को साफ करने और प्रदूषण से बचाने के लिए केजरीवाल सरकार गंभीर होने का दावा करती है लेकिन हकीकत कुछ और ही है। दरअसल एक आरटीआई से खुलासा हुआ है कि दिल्ली सरकार ने पर्यावरण सेस के तौर पर साल 2015 से 2017 के बीच 787 करोड़ रुपए वसूले लेकिन प्रदूषण कम करने के लिए सिर्फ 93 लाख रुपये खर्च किए गए। साल 2017 में तो केजरीवाल ने एक भी पैसा नहीं खर्च किया।  

दिल्ली में फैले प्रदूषण को लेकर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की।  केजरीवाल के साथ दिल्ली के पर्यावरण मंत्री और कई अधिकारी भी मौजूद थे। केजरीवाल को पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह से भी मिलना था लेकिन अमरिंदर ने मना कर दिया। मुलाकात के बाद केजरीवाल ने कहा कि प्रदूषण पर काफी विस्तार से चर्चा हुई। इस समस्या से निपटने के लिए हम सभी कदम उठाने को तैयार है। साथ ही प्रदूषण फैलाने वाले तमाम माध्यमों पर चर्चा हुई है.

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Source: Krishi Jagran