ड्रिप सिंचाई करने वाले किसानों को सरकार दे रही 70 प्रतिशत अनुदान...

March 13 2018

छत्तीसगढ़ : अब तक जो किसान सिर्फ धान की फसल लेते थे वही आज ड्रिप सिस्टम से सब्जी की खेती भी करने लगे हैं। ड्रिप सिस्टम से सब्जी की अच्छी पैदावर होने के साथ पानी की बचत भी होती है। 

विशेषज्ञों का मानना है इस पद्घति से पानी की बचत के साथ सबसे बड़ा फायदा है इसमें खरपतवार कम होती है। इस नई तकनीक से सब्जी लगाने को लेकर किसान रूचि ले रहे हैं। ड्रीप सिस्टम टमाटर, तरबूज, करेला, मिर्च, लौकी, तोराई, बैंगन आदी फसलों के लिए बेहद उपयोगी है। 2007-08 में ड्रीप सिस्टम की तकनीक जिले में पहुंची। शुरू में सिर्फ 10 किसानो ने 6 हैक्टयर में सब्जी फसल इस सिस्टम से लगाई। 2012-2013 आते तक 900 किसान 600 हैक्टयर में ड्रीप सिस्टम से सब्जी फसल लेने लगे। वर्तमान में 1500 किसान 900 हैक्टयर में इस सिस्टम से सब्जी फसल ले रहे हैं। 

60 प्रतिशत होती है पानी की बचत 

5 एकड़ में टमाटर सहित अन्य सब्जी फसल लेने वाले चंद्रशेखर साहू ने कहा ड्रीप सिस्टम से सिंचाई करने पर 60 प्रतिशत पानी की बचत होती है। पानी व्यर्थ नहीं जाता। बोर से सिंचाई करने पर पानी बहुत ज्यादा व्यर्थ होता है। गांव के छबिलाल नाग, चंद्रशेखर मरकाम, सुरेंद्र नेताम, किशुन साहू ने कहा ड्रिप सिस्टम बेहद उपयोगी है। 

पुसवाड़ा में 5 किसानों से हुई थी शुरूआत 

ग्राम पुसवाड़ा में 5 किसानों ने ही ड्रिप सिस्टम से सब्जी फसल लेना शुरू किया। अब 30 किसान 40 एकड़ में ड्रिप सिस्टम से सब्जी फसल सिंचाई कर रहे हैं। कांकेर विकासखंड में ग्राम पुसवाड़ा के अलावा दसपुर, बेवरती, सातलोर, व्यासकोंगेरा, मोहपुर, पटौद, भैसाकन्हार, चारामा में बड़ी संख्या में किसान ड्रिप सिस्टम अपना चुके हैं। 

ड्रिप सिस्टम से खेती फायदेमंद होने के साथ आसान भी है। 

ड्रिप सिस्टम खेतों में लगवाने सरकार 70 प्रतिशत तक अनुदान देती है। हाटकोंगेरा के ईश्वर नाग, चारामा के गावस्कर देवांगन ने कहा ड्रिप सिस्टम में अनुदान देने से यह बेहद किफायती हो जाती है। 

बड़ी संख्या में अपना रहे किसान 

चारामा उद्यान अधीक्षक एके तिवारी ने कहा सब्जी में ड्रिप सिस्टम से फसल लेना काफी फायदेमंद है। पानी के साथ समय की भी बचत होती है। उत्पादन भी 25 से 40 प्रतिशत ज्यादा होता है। फायदा देख प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में किसान इसे अपना रहे हैं। 

इस खबर को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह खबर अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है|

Source: Krishi Jagran