चीन के किसान ने छत पर किया तरबूज का बंपर उत्पादन, धान और सब्जियों की भी होती है अच्छी पैदावार

November 27 2017

27 November 2017

लखनऊ। बढ़ते शहरीकरण ने कई तरह की समस्याओं को जन्म दिया है। इसका सबसे ज्यादा नुकसान प्रकृति को हुआ है। जिस तरह से शहर अपने दायरे से अधिक फैल रहे हैं इससे शहर के आस-पास खेती की समस्या उत्पन्न होने लगी है। आज यह समस्या किसी एक देश में नहीं बल्कि दुनियाभर के देशों में है।

इन्हीं समस्याओं से निजात पाने के लिए चीन के एक किसान ने एक उपाय खोज निकाला है।

चीन में कम होती खेती योग्य जमीन और कीट-पतंगों की समस्या से निपटने के लिए एक किसान ने घर की छत पर खेती करना शुरू कर दिया है। इस नए प्रयोग ने सचमुच सबको चौंका दिया है, क्योंकि खेती में उम्मीद से कहीं अच्छे परिणाम मिल रहे हैं।

यह कहानी पेंग कुइजेन (Peng Quigen) किसान की है। पेंग अपने घर के छत पर कई वर्षों से खेती कर रहे हैं। उन्होंने अपने छत पर धान, फल और सब्जियां तक उगाई है. पेंग का यह घर चार मंजिला है। इसलिए खेत जमीन से 40 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।

Odditycentral.com के अनुसार छत पर निर्मित किया गया यह खेत मात्र 120 वर्ग मीटर में है, लेकिन सबसे दिलचस्प बात यह है कि इस छोटे से खेत में सभी तरह की स्थानीय फसले उगाई जाती हैं। पिछले साल इस खेत से पेंग ने 400 किलोग्राम तरबूज का उत्पादन किया था। हैरानी की बात है कि तरबूज उत्पादन का यह आंकड़ा परंपरागत खेती की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक है। इतना ही नहीं पेंग का कहता है कि इस आकाशीय खेत से पर्याप्त मात्रा में चावल भी उगाया जा रहा है।

पेंग से जब यह पूछा गया कि इस कृत्रिम खेत में खास बात क्या है? तो उन्होंने Odditycentral.com को जवाब देते हुए कहा कि यह आकाशीय खेत अपने ठोस रूप में है तथा परंपरागत खेतों की तुलना में यह उपजाऊ है। साथ ही कृत्रिम खेत में सिंचाई के लिए पानी और मृदा की समस्या बहुत कम होती है। यहां खेती करना सामान्य खेतों से अलग है इसलिए यहां उत्पादन भी अधिक होता है।

वैसे चीन में इस तरह की खेती करना अवैध कार्य है, लेकिन पेंग के पड़ोसियों को ऐसी खेती से कोई परेशानी नहीं है। यहाँ तक कि पड़ोसियों को पेंग के इस खेती से बहुत लगाव है। यह कार्य अवैध होने के बावजूद भी चीन के किसी स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों को कोई परेशानी नहीं है।

इस खबर को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह कहानी अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है|

Source: Dairy Today