ग्वालियर के हर किसान के खाते में बोनस से 9167 व कृषक समृद्धि से 4911 रुपए आएंगे

March 03 2018

मध्य प्रदेश, ग्वालियर, कृषि पर केन्द्रित बजट में यूं तो ग्वालियर के लिए कोई अलग से सौगात नहीं मिली है, लेकिन अन्य घोषणाओं के बल पर यहां के किसानों को औसत रूप से 14078 रुपए मिल सकेंगे।ग्वालियर जिले में इस बार 70 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की फसल करने वाले लगभग 34209 किसानों के खाते में 31 करोड़ 36 लाख (प्रति किसान 9167.17 रु.) रुपए बोनस के बतौर आएंगे। कृषक समृद्धि से 95700 किसानों को 4911 रुपए मिलेंगे। बजट में सहकारिता के लिए 1500 करोड़ का प्रावधान जरूर किया है, लेकिन जिले में डूबत में चल रहीं 76 साख सहकारिता सोसायटियों को कैसे जीवनदान मिलेगा? यह भविष्य के गर्त में है।

ऐसे मिलेंगे बोनस में 31.36 करोड़ 

इस चुनावी बजट से पहले प्रदेश सरकार यह कहती रही है कि केन्द्र सरकार की मनाही के कारण गेहूं किसानों को बोनस प्रोत्साहन बंद कर दिया गया था। बावजूद इसके इस बार प्रति क्विंटल गेंहू पर 200 बोनस की घोषणा की गई है। ग्वालियर जिले में इस बार औसत रूप से 34209 किसानों ने 70 हजार हेक्टेयर में गेहूं की खेती की है। सरकारी उपज मान 2240 किलो प्रति हेक्टेयर से प्रति किसान को 9167.17 रुपए मिलेंगे। चिंता बस इतनी है कि कहीं सरकार इस घोषणा में भावांतर, बीमा, राहत के किंतु परंतु भर जोड़ दे।

कृषक समृद्धि में जिले को मिले 47 करोड़ रुपए

दूसरी बड़ी घोषणा कृषक समृद्धि को फिलहाल विस्तारित रूप से तो नहीं बताया है। इसमें प्रदेश के लिए 3650 करोड़ रुपए का प्रावधान है। ग्वालियर जिले में 1.96 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में औसत किसान संख्या 95700 है। इस मान से प्रति किसान को 4911.18 व जिले को कुल 47 करोड़ मिलेंगे। प्याज में भावांतर से आस नहीं भावांतर में अकेले प्याज के लिए 250 करोड़ रुपए व कुल अधिसूचित फसलों के लिए 1000 करोड़ का प्रावधान किया गया है। ग्वालियर में फि लहाल प्याज उत्पादन गणना योग्य नहीं है। अन्य अधिसूचित फसलों शेष बचे 750 करोड़ में से किसानों के खाते क्या आएगा यह कहना कठिन है। कारण यह कि सतना में पिछले दिनों जिस तरह की बिचोलियों की गिरोहबंदी सामने आई है उसके चलते किसानों को लाभ मिल पाना संदेह के घेर में है। एक समस्या यह भी है भावांतर पूरी उपज पर नहीं वरन औसत उपज पर मिलता है।

समितियां पहले ही डूबत में

सहकारिता के लिए सरकार ने 1500 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा है। जिले में समस्या यह है कि यहां के 76 साख सोसायटियां फर्जी लोन वितरण के कारण डूबत में हैं। यही कारण है कि यहां के किसानों को शासन की तमाम योजनाओं का लाभ ही नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में यहां का किसान सिर्फ ये उम्मीद ही कर सकता है कि इन 1500 करोड़ की राशि से जिले को मिलने वाली राशि से किसी तरह ये सोसायटियां फिर से पटरी पर आएं। वैसे इस प्रावधान के जरिए सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि वह साख सहकारी समितियों के डूबत पैसे की वसूली में कोई रुचि नहीं रखती। सिंचाई के क्षेत्र में ग्वालियर को कोई बड़ी परियोजना नहीं मिली है।

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Source: Naiduniya