खेतों से निकलकर मंडी पहुंचने लगी सौंफ

March 28 2018

रकबे की कमी के साथ आ सकती है उत्पादन में भी कमी

बड़वानी।

स्थानीय कृषि उपज मंडी में रविवार को सौंफ की आवक की शुरुआत हुई। हालांकि इस दौरान मात्र 2 बोरी आई थी, लेकिन आगामी सप्ताहों में आवक में बढ़ोतरी होगी। उधर क्षेत्र में गर्मी व बारिश के कपास का अंतिम चरण चल रहा है। गत वर्ष की अपेक्षा इस बार उत्पादन कम रहा और भाव भी कम मिलने से किसानों में निराशा रही।

रविवार को कृषि मंडी में सौंफ की आवक 2 बोरी की रही। बारिश सौंफ का भाव 65 रु. और मोटी सौंफ का भाव 50 रु. प्रतिकिलो रहा। यह 2 बोरी सौंफ लेकर आए छोटी खरगोन के दिनेश ने बताया कि पिछले दिनों बादल छाने व मावठा होने से सौंफ अभी खेतों से नहीं निकली है। मौसम साफ होने पर अब निकलना शुरू हुई है। उमरबन के कृषक देवराम सोलंकी ने बताया कि गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष रकबा कम होकर उत्पादन की स्थिति भी कम दिख रही है। उन्होंने एक एकड़ में सौंफ लगाई हैं, पूरी तुड़ाई के बाद उत्पादन का सही पता लगेगा।

उल्लेखनीय है कि पिछले 2 वर्षों से सौंफ का भाव कम मिलने से किसानों का रुझान कम हुआ है। सौंफ व्यवसायी इरफान अली ने बताया कि सौंफ का भाव क्वालिटी अनुसार दिया जाता है। इस बार फसल कमजोर दिख रही है। सौंफ धार जिले के उमरबन, बाकानेर, गंधवानी, जीराबाद, अवल्दामान और खरगोन जिले के महेश्वर, बड़वाह क्षेत्र में किसान लगाते हैं। पिछले बार सौंफ का अधिकतम 90 रु. प्रतिकिलो का भाव मिला था।

बढ़ती लागत से परेशान किसान

उधर कपास की फसल इस बार क्षेत्र में कमजोर रही। उत्पादन भी कम है। वहीं भाव पिछले वर्ष की तरह ही है। इससे किसानों में उत्साह नहीं रहा। कृषक राजेश सोलंकी ने बताया कि 2 वर्षों से कपास का भाव 4 से 5 हजार रु. प्रति क्िव. के बीच मिल रहा है। जबकि लागत में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इस बार भी 4 हजार से 4500 रु. तक ही भाव है। मौसम व बारिश के कारण उत्पादन भी कम रहा।

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Source: Naiduniya