इस तरीके को अपनाकर लौकी की एक बेल से निकलेंगी 800 लौकी

December 08 2017

आज हम बात करेंगे लौकी के एक ही पौधे से ज्यादा से ज्यादा फल लेने के बारे में। औसतन एक पौधे (बेल) से 50-150 लौकियां निकलती हैं। लेकिन अगर थोड़ी मेहनत और तकनीकी की मदद ली जाए तो एक ही बेल से 800 तक लौकियां ली जा सकती हैं.. यानि आप का मुनाफा की गुना बढ़ जाएगा, जबकि लागत ज्यादा प्रभावित नहीं होगी।

लौकी की खेती करने वाले किसान इस तकनीक से लौकी की ज्यादा फसल उगाकर फायदा उठा सकते हैं। सभी तरह के सजीव में नर और मादा होते हैं। ऐसे ही सब्जियों में भी नर और मादा दो तरह के फूल होते हैं। लेकिन लौकी की बेल में नर फूल ही होते हैं। लौकी में एक विशेष तरह की तकनीकि का इस्तेमाल करने पर ही उसमें मादा फूल आते हैं और लौकी की एक बेल से लौकी का ज्यादा उत्पादन किया जा सकता है। इस तकनीकि का नाम है 3 जी ।

ये है तरीका

उत्तर प्रदेश में बलिया के उद्यान वैज्ञानिक राजीव ने गाँव कनेक्शन से बातचीत में बताया, “लौकी की बेल की एक खासियत है कि उसकी बेल चाहे जितनी भी लंबी हो जाए उसमें नर ही फूल आते हैं। इसको रोकने के लिये एक नर फूल छोड़कर बाकी सारे नर फूल तोड़ दें। उसके कुछ दिनों के बाद उसी बेल में साइड से एक शाखा निकलने लगेगी अब उस शाखा में आने वाले जितने नर फूल हैं उनमें से एक को छोड़कर बाकी के सारे नर फूल तोड़ दें।”

वो आगे बताते हैं, “अब उस शाखा को किसी लकड़ी से बाध दीजिये ताकि वो चलती रहे। ध्यान रखें तीन से ज्यादा शाखाएं न होने दें। अब कुछ दिन के बाद बेल से तीसरी शाखा निकलने लगेगी। अब इस शाखा के हर पत्ते में मादा फूल आएगा। यही मादा फूल फल में बदल जाएगा। मादा फूल की पहचान के लिये बता दें कि ये कैप्सूल की लंबाई में होगा। इस तरीके को अपना कर लगभग 300 से 400 तक लौकी एक बेल में आएंगी।” (3जी तकनीकी का वीडियो नीचे देखिए)

ये तरीका अपना कर कर सकते हैं 800 तक लौकी का उत्पादन

3 जी तकनीकि में कुछ एहतियात के साथ अगर लौकी की खेती करें तो एक बेल से लगभग 800 तक लौकी का भी उत्पादन किया जा सकता है। ये काफी हद तक मौसम पर भी निर्भर करता है। और 3 जी की प्रक्रिया को मचान पर करने से लगभग 800 तक की लौकी का उत्पादन कर सकते हैं। ध्यान रहे कि 20 लौकी के पौधे में ये प्रक्रिया अपनाने के बाद 21 वें पेड़ में कुछ नहीं किया जाएगा। इसके बाद 22 वें पेड़ से फिर से वहीं प्रक्रिया दोहराते रहिये। मान लीजिये कि एक हेक्टेयर में 500 लौकी के पौधे लगाए गए तो 20 पौधों के बाद 21 वें पौधे पर ये प्रक्रिया न अपनाएं उसके बाद 22 वें पेड़ से फिर से वो प्रक्रिया दोहराएं।

अगर चाहते हैं लौकी लगे देखने में अच्छी तो ये तरीका अपनाएं

इसके लिये जब लौकी छोटी हो तो उसे हार्ड पारदर्शी प्लास्टिक से बांध दीजिये। ध्यान रहे कि पॉलिथीन का साइज वही हो जो लौकी का है। मान लीजिये अगर लौकी का साइज दो फीट है तो पॉलिथीन की लंबाई भी दो फीट की होनी चाहिये। यहां पर ये भी ध्यान रखें कि पॉलिथीन दूसरे छोर से फटी होनी चाहिये। ताकि लौकी में वाष्पोत्सर्जन हो सके। इससे लौकी की क्वालिटी अच्छी रहेगी। इस क्रिया को अपनाने से लौकी अन्य लौकियों से ज्यादा आकर्षक लगेगी और किसान को कीमत भी अच्छी मिलेगी।

स्वाद पर असर

इस प्रयोग से अगर आप लौकी की खेती करते हैं तो लौकी के स्वाद में कोई परिवर्तन नहीं होता है। उसका स्वाद प्राकृतिक ही रहता है। वैसे तो लौकी हर मौसम में होती है। लेकिन रबी के मौसम में लौकी की खेती अच्छी होती है।

इस खबर को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह कहानी अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है|

Source: Gaonconnection