इस किसान ने 1 एकड़ में लगायी धान की 140 किस्में, कारण जानकर आप भी हो जाएंगें हैरान..

November 01 2017

गोविंद दुबे, फतेहपुर। उत्तरप्रदेश के फतेहपुर जिले की खागा तहसील का हसनपुर अकोढिया गांव इन दिनों चर्चा में है। यहां के एक किसान के खेत में देश और दुनिया की 140 किस्मों के धान की फसल लहलहा रही है। जिसे देखने के लिए कृषि वैज्ञानिकों की टीम के अलावा आस-पास के किसानों की भी भीड़ जुटती है। किसान ने स्थानीय जलवायु के अनुकूल धान की बेहतर प्रजाति का पता लगाने के लिए यह किया है। अब कृषि वैज्ञानिकों के लिए भी यह शोध का विषय बन गया है।

लहलहा रही धान

यह पूरी कवायद किसान ने यह जानने के लिए की है कि उसके खेत की मिट्टी और जलवायु के अनुरूप सबसे उत्पादक धान कौन सा हो सकता है, जिसका वह सफल उत्पादन कर सके। रमेश सिंह के इस ने कृषि वैज्ञानिकों को भी हैरत में डाल दिया। एकसमान परिस्थिति और जलवायु में देश-विदेश की 140 धान प्रजातियों को किसान ने एक एकड़ में सफलतापूर्वक तैयार किया। रमेश ने पाकिस्तान, चीन, अमेरिका सहित 20 देशों की प्रजातियों का धान उगाया है। तकरीबन सौ प्रजातियां पककर तैयार हो गईं तो चालीस प्रजातियों की बाली हरी है। उन्होंने बताया कि सभी प्रजातियों की पौध एक ही दिन लगाई गई थी और पानी व उर्वरक की बराबर मात्र में दी गई है।

यह मिलेगा लाभ

रमेश ने बताया कि एक एकड़ में धान की हर प्रजाति की रोपाई की गई है। वैज्ञानिक अब इस बात पर शोध कर रहे है कि यहां की जलवायु के लिए कौन-कौन सी प्रजातियां उपयुक्त होंगी। एक बाली में पड़े दानों की संख्या से उत्पादन का पता चलेगा। रोग प्रतिरोधक क्षमता, फसल पकने की अवधि एवं धान से चावल की रिकवरी के मानकों पर बेहतर प्रजाति का चयन होगा। अच्छी प्रजाति मिलने से उत्पादन का अच्छा मूल्य मिलेगा। इस समय हाइब्रिड की 80 फीसद प्रजाति में चावल की रिकवरी की समस्या आ रही है। इस शोध से 67 प्रतिशत से अधिक रिकवरी वाली प्रजातियों को चिह्नित किया जा सकेगा। किसान ने बताया कि जो फसल पकती जा रही है, उसका अलग रिकॉर्ड तैयार किया जा रहा है।

कृषि वैज्ञानिकों ने सराहा

कृषि वैज्ञानिक डॉ. देवेंद्र स्वरूप ने कहा, हसनपुर अकोढिया के किसान ने धान की 140 किस्मों का संग्रह कर बड़े शोध का कार्य किया है। हम लोग भी फार्म का निरीक्षण कर यह देख रहे हैं कि यहां के क्लाइमेट के अनुकूल कौन सी प्रजाति बेहतर हो सकती है। 

इस खबर को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह कहानी अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है|

Source: Krishi Jagran