इंटर क्रॉपिंग कर प्रेरणा स्त्रोत बना सुकालगढ़ का कृषक

February 24 2018

पठानकोट : लगातार कृषि से बेमुख हो रहे लोगों के लिए गांव सुकालगढ़ का किसान बलविन्द्र ¨सह इन दिनों प्रेरणा का स्त्रोत बना हुआ है। बलविंद्र इंटर क्रो¨पग कर दोहरी कमाई कर रहा है जिससे धीरे-धीरे उसकी आर्थिक स्थिति में अब सुधार होना शुरू हो चुका है। एक समय था जब बलविन्द्र अपनी तीन एकड़ भूमि में सिर्फ एक ही सब्जी लगाकर उससे अपने परिवार का गुजारा चलाते थे। ऐसे में कड़ी मेहनत के बाद जब सब्जी अथवा फल तैयार होते तो एकाएक ही मार्केट में उसी फसल की बहुतात होने के कारण रेट औधे मुंह गिर जाते तथा उन्हें बड़ा नुकसान उठाना पड़ता।

फसलों के अवशेषों को जलाने पर पाबंदी

तीन एकड़ में अब ट्रे कैपेटी में तैयार कर चुके हैं पनीरी

कृषक बलविन्द्र ¨सह ने अब ट्रे-कैपेटी में आगामी दिनों में पैदा होने वाली फसलों की पनीरी तैयार कर ली है। इन्हें अब उसने लगाना शुरू कर दिया है। जून-जुलाई में मिलने वाली सब्जियों को वह अब कृषि विभाग के दिशा निर्देशों पर तैयार कर न केवल किसान बाजार अपितु आए दिन शहर से बाहर बेच अच्छा-खासा लाभ कमा रहे हैं। बलविन्द्र ने बताया कि उनकी ओर से अब लीची के बाग में ही इंटरक्रो¨पग कर घीया, कद्दू, करेला, बैंगन, मटर, धनियां, मिर्ची इत्यादि फसलें लगाना शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि ये फसले समय से पहले मार्केट में आ जाएगी जिससे उन्हें इसका मूल्य भी अच्छा खासा मिल जाएगा।

मेहनत के बाद भी कमाई न मिलने के कारण हो गए थे दुखी

जिले को प्रदूषण मुक्त बनाने को कृषि विभाग ने की पहल

गांव सुकालगढ़ के किसान बलविन्द्र ¨सह ने बताया कि पहले दिन रात खेतों में काम करने के बाद भी जब उनकी आर्थिक हालत लगातार गिरती गई तो वह परेशान हो गए थे। एक समय ऐसा था जब उनकी ओर से कृषि धंधे को छोड़ देने का मन बनाया गया था। आखिरकार वह अपनी इस समस्या को लेकर ब्लाक खेतीबाड़ी अफसर डॉक्टर अमरीक ¨सह से मिले तथा सारी समस्या बताई। डॉक्टर अमरीक ने तब उन्हें अगेती खेती करने तथा सहयोगी धंधे अपनाने की सलाह दी। सिर्फ वह समय था जब उनकी ओर से फलों के साथ-साथ सब्जियों की पैदावार करने का निर्णय लिया गया।

इस खबर को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह कहानी अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है|

Source: Jagran