आप भी ऐसे शुरु कर सकते हैं डेयरी का व्यवसाय

January 17 2018

डेयरी उत्पादों को लेकर बढ़ती मांग के चलते देश में दूध उत्पादन व्यवसाय छोटे और बड़े दोनों स्तर पर सबसे ज्यादा फैला हुआ है। देश के इस डेयरी व्यवसाय से छह करोड़ किसान अपनी जीविका कमा रहे है। ऐसे में आप व्यवसायिक डेयरी व्यवसाय शुरु करके प्रतिवर्ष लाखों की कमाई कर सकते है।

"ज्यादातर किसान डेयरी व्यवसाय को शुरु करने के लिए भैंस को ही रखते है। अगर गाय-भैंस दोनों को रखें तो ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है। इसके अलावा सबसे महत्वपूर्ण बात डेयरी शुरु करने के लिए बड़े ग्राहकों को सीधे दूध बेचने के लिए अच्छा मार्केटिंग योजना तैयार करें। इससे किसान को डेयरी शुरु करने के बाद दूध बेचने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। ऐसा बताते हैं, राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान के डेयरी प्रोजेक्ट ऑफिसर डी.के अरोरा।

उत्तर प्रदेश में एक डेयरी का दृश्य।उत्तर प्रदेश में एक डेयरी का दृश्य।

अपनी बात को जारी रखते हुए डी.के अरोरा बताते हैं, "संस्थान द्वारा समय-समय पर किसानों को डेयरी फार्म शुरु करने का प्रशिक्षण दिया जाता है। इस छह दिन के प्रशिक्षण में कई राज्यों को लोग आते है। यहां से प्रशिक्षण लेने के बाद हजारों किसानों ने छोटे एवं बड़े स्तर पर डेयरी का व्यवसाय शुरु किया है। संस्थान द्वारा अगला प्रशिक्षण 19 मार्च को होगा। अगर कोई प्रशिक्षण लेना चाहता है तो वो वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकता है।"

संयुक्त राष्ट्र संगठन (यूएन), संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) और आर्थिक सहयोग तथा विकास संगठन (ओईसीडी) के द्वारा जारी एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई हैं कि 21 वीं सदी की पहली तिमाही में भारत में तिगुना दूध उत्पादन हो जाएगा। इस तरह से इसमें 49 फीसदी तक की ग्रोथ देखी जाएगी। दूध उत्पादन के मामले में भारत यूरोपियन यूनियन को पीछे कर देगा, जो कि फिलहाल सबसे ज्यादा दूध का उत्पादन करता है।

आजकल डेयरी को फार्म को बनाने से लेकर दूध निकालने और रखने के उन्नत उपकरण तक हर सुविधा उपलब्ध करा रही है। डेयरी फार्म सोल्यूशन कंपनी के एमडी आशीष पांडेय बताते हैं, "आजकल छोटे-बड़े कई फार्म खुल गए है, जिनसे किसान अच्छा कमा रहे है। कई किसान तो दूध से बनने वाले उत्पादों की मशीन लगाकर कई गुना मुनाफा कमा रहे है। अगर आपके पास थोड़ी सी भी जमीन है तो डेयरी व्यवसाय को शुरु कर सकते है। अगर किसान इस व्यवसाय को शुरु करना चाहते है तो छह-सात पशुओं से डेयरी फार्म शुरु कर सकते है।"

सकल घरेलू कृषि उत्पाद में पशुपालन का महत्वपूर्ण योगदान है, जिसमें डेयरी उद्योग का योगदान सर्वाधिक है। हाल ही में एडेलवाइस सिक्युरिटीज की आई ताजा रिपोर्ट के अनुसार इस क्षेत्र का कारोबार सालाना 15 प्रतिशत की दर से बढ़ता हुआ 2020 तक 9,400 अरब रुपये तक पहुंच जाने की उम्मीद है।

पशुधन क्षेत्र में 60 प्रतिशत से अधिक योगदान अकेले दूध और दूध उत्पादों का है।पशुधन क्षेत्र में 60 प्रतिशत से अधिक योगदान अकेले दूध और दूध उत्पादों का है।

"अगर कोई किसान डेयरी फार्म शुरु करने के लिए पशु खरीदना चाहता है तो वह हरियाणा, पंजाब, गुजरात से ले सकते है। इसके अलावा भारत सरकार ने ई पशुहाट की बेवसाइट शुरू की है, जिसमें विभिन्न नस्ल की गाय-भैंस और उनके भ्रूण खरीद सकते है।" ऐसा बताते हैं,उत्तर प्रदेश पशुधन विकास परिषद् के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ बी.बी.एस यादव।

पशुधन क्षेत्र में 60 प्रतिशत से अधिक योगदान अकेले दूध और दूध उत्पादों का है। पशुधन के क्षेत्र में पिछले 40 वर्षों से कार्यरत विशेषज्ञ और आयुर्वेट लिमिटेड के एमडी मोहन जे. सक्सेना बताते हैं, “पशुपालन का मतलब सिर्फ गाय-भैंस नहीं। अगर किसान को मुनाफा कमाना है तो दूध को सीधे न बेचें बल्कि उसे प्रोडेक्ट बनाएं। बाजारों में प्रोडेक्ट बेचने से अच्छी कमाई होती है।

सब्सिडी या बैंक लोन लेकर शुरु कर सकते है डेयरी व्यवसाय

राज्यों की योजनाओं के मुताबिक डेयरी उद्योग में सब्सिडी उपलब्ध है। भारत में डेयरी योजनाओं के लिए नाबार्ड की ओर से बैंक लोन उपलब्ध है। अगर कोई किसान डेयरी व्यवसाय शुरु करना चाहता है तो वह लोन की पूरी प्रकिया के लिए अपने स्थानीय कृषि बैंक या नाबार्ड कार्यालय में संपर्क कर सकता है।

डेयरी व्यवसाय को शुरु करने के लिए ध्यान देने वाली बातें

पांच या छह पशुओं से आप अपने डेयरी व्यवसाय की शुरुआत कर सकते है। इस व्यवसाय को शुरु करने से पहले प्रशिक्षण जरुर लें और अगर आपके आपके क्षेत्र में डेयरी फार्म हो तो उसका विजिट जरूर करें।

चारागाह की समस्या हर जगह है इसलिए चारे के खर्च को कम करने के लिए डेयरी के पास की ही जमीन पर ही चारा उगाकर पशुओं को खिला सकते है। इसके साथ ही आप साइलेज भी तैयार कर सकते है।

व्यावसायिक डेयरी फार्म के लिए अच्छी गुणवत्ता और अच्छी संरचना वाले पशुओं का चुनाव बहुत जरुरी होता है।

डेयरी व्यवसाय में बछियों की देखभाल बहुत जरुरी है क्योंकि तीन साल बाद वो दूध देना शुरु कर देती है। अगर सही देखभाल होगी तो किसान को फायदा होगा।

इस क्षेत्र में इस बात का जरुर ध्यान रखें कि आपके फार्म में सप्ताह में एक बार पशुचिकित्सक को जरूर बुलाएं। इससे अगर कोई पशु किसी बीमारी से ग्रसित होगा तो उसकी पहचान हो सकेगी और पशुपालक को घाटा होने से बचाया जा सकता है।

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Source: Gaonconnection