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गुजरात में सरकार ने पारदर्शिता के लिए वैसे तो कई ठोस कदम उठाए, मगर फिर भी विभागों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के मामले सामने आए हैं। यहां कृषि विभाग ऐसा विभाग है, जहां भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) को सर्वाधिक शिकायतें मिलीं। रिपोर्ट के मुताबिक, 260 कर्मचारियों के खिलाफ 60 अपराध दर्ज किए गए।
कृषि और सहकारिता विभाग में भ्रष्टाचार के डंक को इस तरह भी समझा जा सकता है कि सूखे के बाद की बर्बादी का सामना कर रहे किसानों को सीधी प्रक्रिया में मुआवजा नहीं मिल पा रहा। 16 जिले सूखाग्रस्त घोषित किए गए थे, जिनमें 16 लाख से ज्यादा किसानों ने सरकार से आर्थिक मदद मांगी, मगर जिन किसानों को मदद नहीं मिल पाई, वे तंगी से जूझकर आत्महत्या पर उतर आए। राज्य में एक के बाद एक लगातार किसानों की आत्महत्या की खबरें आ रही हैं। वहीं, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने कृषि विभाग में अन्य विभागों से ज्यादा भ्रष्टाचार के केस पाए।
ऐसे थे भ्रष्टाचारी
कृषि और सहकारिता विभाग के जिन 260 कर्मचारियों के खिलाफ 60 अपराध दर्ज किए गए, उनमें वर्ग-1 के 13 2 के 52 और 3 के 83 शामिल हैं। इसके अलावा 112 निजी व्यक्तियों को भी एसीबी द्वारा बुक किया गया। इन अधिकारियों में से अधिकांश अहमदाबाद, सूरत, जूनागढ़ और बड़ोदरा के ग्रामीण इलाकों से हैं।
खेत-तालाबों की खुदाई पर केवल कागज आते थे
कृषि और सहकारिता विभाग से जुड़े ज्यादातर मामले GLDC (गुजरात भूमि विकास सहयोग) घोटाले की जांच के दौरान दर्ज किए गए, जिसमें खेत-तालाबों की खुदाई पर केवल कागज थे। एसीबी के एक अधिकारी ने कहा कि रिश्वत की मांग तब भी होती है जब लोग अपने गांव में पानी की टंकी बनाने के लिए अधिकारियों से संपर्क करते हैं।
एसीबी ने कृषि के अलावा गृह विभाग में भी छापे मारे। एक साल में वर्ग- 2 के 6 और वर्ग-3 के 101 समेत कुल 137 कर्मचारियों के सामने मामले दर्ज किये गये। एसीबी के आंकड़ों के अनुसार, पुलिस या गृह विभाग के कर्मियों के पास से 20.14 लाख रुपये बरामद किये गये।
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स्रोत: NDTV India