Sharad Pawar wrote a letter to PM Modi on the bad condition of agricultural research.

March 07 2019

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एनसीपी अध्यक्ष और पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार ने देश में कृषि अनुसंधान की खस्ता हालत पर सवाल उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है.

गत 12 फरवरी को लिखी गई इस चिट्ठी में पवार ने प्रधानमंत्री से कहा है कि इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च के अधीन 103 अनुसंधान संस्थान आते हैं जिनमें से 63 संस्थान पिछले दो-चार साल से बिना किसी रेगुलर डायरेक्टर के काम कर रहे हैं. कृषि क्षेत्र में 350 रिसर्च मैनेजर के पद हैं जिनमे से 55% खाली पड़े हैं.

उन्होंने कहा है कि इंडियन एग्रीकल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट में पिछले चार साल से कोई रेगुलर डायरेक्टर नियुक्त नहीं किया गया है. कृषि मंत्रालय में डिप्टी डायरेक्टर जनरल रैंक के भी कई पद खली पड़े हैं, जैसे डीडीजी (क्रॉप्स).

पवार ने कहा है कि कृषि अनुसंधान संस्थानों में भर्ती के लिए जो एग्रीकल्चरल साइंटिस्ट्स रिक्रूटमेंट बोर्ड सेटअप किया गया था उसे खत्म करने की वजह से ये संकट खड़ा हुआ है.

पवार मानते हैं कि यह संकट ऐसे वक्त पर खड़ा हुआ है जब कृषि क्षेत्र कई बड़ी चुनौतियों से जूझ रहा है. कृषि क्षेत्र में पानी की कमी है, लेबर की कमी है, फसलों की बुवाई के लिए उपयुक्त क्षेत्र सीमित हैं, जलवायु परिवर्तन का कृषि क्षेत्र पर असर पड़ रहा है.

पीएम को लिखी चिट्ठी में शरद पवार ने जो सवाल उठाए हैं उस पर कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने सधी हुई प्रतिक्रिया दी है. राधामोहन सिंह ने कहा, "पहले जो नियुक्ति की प्रक्रिया थी वो पारदर्शी नहीं थी. हमने पिछले 6 महीने में पूरी प्रक्रिया को डिजिटल बनाया है. हमने एक पोर्टल बनाया है. विलंब हुआ है लेकिन ज़्यादा विलंब नहीं हुआ है. हमने 6 महीने के लिए नियुक्ति की प्रक्रिया को scruitny के लिए रोका था. पहले सिस्टम मैन्यूअल था अब पारदर्शी हो गया है."

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स्रोत: NDTV India