घटिया कीटनाशक का घिनौना व्यापार

August 14 2017

By: Krishakjagat, 14 August, 2017

मध्य प्रदेश, फसलों की सेहत के साथ-साथ किसानों की जान भी अब नकली कीटनाशकों के चक्रव्यूह में फंसती जा रही है। खरीफ मौसम में कुकुरमुत्ते की तरह पनपने वाली दोयम दर्जे की कीटनाशक कंपनियां धड़ल्ले से नकली कीटनाशक किसानों को टिका रही है।

असली और ब्रांडेड कंपनी के कीटनाशकों की तर्ज पर मिलने जुलते नामों से कीटनाशकों की बिक्री जिले और तहसील के कृषि आदान विक्रेताओं द्वारा की जा रही है। इन नकली कीटनाशकों की बिक्री में कृषि आदान विक्रेता को सौ प्रतिशत मुनाफा होता है। हाल ही में धार जिले में कृषि विभाग ने ड्यूपांट कंपनी की मार्केटिंग टीम की शिकायत के आधार पर धार की तीन दुकानों पर छापा मार कार्रवाई की है। इन दुकानों में कोराजन ब्रांड के स्थान पर होराजन सहित अन्य कीटनाशक किसानों को टिकाये जा रहे थे।

धार कृषि विभाग के उपसंचालक श्री पी.एल. साहू के नेतृत्व में विभागीय टीम ने तीन कृषि आदान विक्रेताओं के यहां तीस लीटर नकली रसायन पकड़ा। रातोंरात लाखों कमाने के चक्कर में कतिपय कृषि आदान विक्रेता किसानों को एक ही बार में हलाल करने की फिराक में रहते हैं।

कृषि उपसंचालक श्री साहू ने कृषक जगत को जानकारी दी कि किसान घर, श्री गौरी एग्रो सेल्स एवं ग्राम उटावद के विश्वकर्मा कृषि सेवा केन्द्र पर भारी तादाद में नकली कीटनाशक मिला है। ड्यूपांट के कोराजन की नकल कर होराजन, गन टाइगर, ब्लेक केट, ब्लेक कुलाइस, इन दुकानों से खुले आम बेचा जा रहा था। असली कीटनाशक जहां 20 हजार रु. लीटर मिलता है, वहीं 100 प्रतिशत नकली माल इन दुकानों पर 2 हजार रु. में 100 एमएल एवं 150 एमएल की बॉटल में दिया जा रहा था।

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