2000 रुपये क्विंटल गेहूं खरीदेगी सरकार

March 13 2019

मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा है कि प्रदेश में इस बार गेहूँ की बम्पर फसल होने पर भी किसानों को मूल्य कम मिलने की चिन्ता करने की आवश्यकता नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि भारत सरकार ने गेहूं का समर्थन मूल्य 1840 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया है, किन्तु मध्यप्रदेश सरकार 2000 रुपये प्रति क्विंटल पर किसानों का गेहूं खरीदेगी। यह बढ़ी हुई 160 रुपये प्रति क्विंटल की प्रोत्साहन राशि प्रदेश सरकार अपने बजट से देगी। यह प्रोत्साहन राशि उन किसानों को भी दी जायेगी, जो मण्डी जाकर अपना गेहूं बेचेंगे। प्रोत्साहन राशि को लेने के लिए किसानों पर सरकारी एजेंसियों को ही गेहूं बेचने का बंधन नहीं होगा।

मक्का भावांतर राशि 250 रू. प्रति क्विंटल दी जायेगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में पिछली सरकार ने मक्का के संबंध में भी भावांतर की घोषणा कर दी थी, जिसे भारत सरकार ने अभी तक स्वीकृति नहीं दी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि मक्का की भावांतर राशि जो मंडी में औसत मॉडल बिक्री भाव और न्यूनतम समर्थन मूल्य का अंतर यानि 219 रुपये प्रति क्विंटल आ रही थी, उसे बढ़ाकर 250 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से किसानों को भुगतान किया जायेगा।

जय किसान समृद्धि योजना में होगी गेहूं खरीदी

योजना के संबंध में प्रमुख सचिव, किसान-कल्याण तथा कृषि विकास ने जिला कलेक्टरों को आवश्यक निर्देश जारी किये हैं। 

कैसे मिलेंगे 160 रुपए

समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी कराने वाले किसानों के बैंक खातों में 160 रुपये प्रति क्विंटल राशि जमा होगी। द्य  मण्डी में विक्रय करने पर भी 160 रुपये प्रति क्विंटल की प्रोत्साहन राशि मिलेगी। द्य मण्डी में गेहूं न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे या ऊपर के भाव पर बेचा गया हो, दोनों ही परिस्थिति में  मिलेगी प्रोत्साहन राशि।

गेहूं की खरीदी अवधि में बढ़ोत्तरी पर मण्डी में विक्रय अवधि स्वयंमेव मान्य होगी। द्य मण्डी बोर्ड द्वारा जिन संस्थाओं को क्रय केन्द्र स्थापित कर कृषकों की उपज सीधे खरीदी करने के लिये एकल लायसेंस प्रदान किये गये हैं, उनके केन्द्र पर गेहूँ विक्रेता पंजीकृत किसानों को भी पात्रतानुसार योजना का लाभ दिया जायेगा।

प्रोत्साहन राशि के लिये किसान को ई-उपार्जन पोर्टल पर गेहूं उपार्जन का पंजीयन कराना अनिवार्य होगा।

कौन खरीदेगा

प्रदेश में गेहूं का ई-उपार्जन न्यूनतम समर्थन मूल्य पर प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों, नागरिक आपूर्ति निगम तथा राज्य सहकारी विपणन संघ के जरिये किया जायेगा। द्य गेहूं खरीदी के लिये पंजीकृत किसान दिये गए समय में मण्डी में बोनी के सत्यापित रकबे तथा उत्पादकता को गुणा करने पर आई मात्रा अनुसार पात्रता की सीमा तक गेहूं विक्रय कर सकेंगे। पात्रता में उपार्जन के बाद शेष बची गेहूँ की मात्रा पर मण्डी में न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम अथवा ज्यादा विक्रय दर पर विक्रित गेहूं को भी मण्डी में तैयार पोर्टल पर किसान की आई.डी. के साथ दर्ज किया जायेगा।

पंजीकृत किसानों को मण्डी में विक्रय अवधि में विक्रय के समय ई-उपार्जन पोर्टल पर प्राप्त पंजीयन आई.डी. क्रमांक की पर्ची तथा आधार-कार्ड की प्रतिलिपि, दोनों ही मण्डी समिति को विक्रय करते समय देना आवश्यक होगा।

मण्डी में बेचे गये गेहूं पर व्यापारी द्वारा किसान को गेहूं के कुल मूल्य का 50 प्रतिशत अथवा 10 हजार रुपये, दोनों में से जो भी कम हो, का भुगतान किसान के बैंक खाते में अनिवार्य रूप से आरटीजीएस/नेफ्ट द्वारा करना होगा।  द्य कृषि उपज मण्डी में उपार्जन अवधि समाप्त होने पर गेहूं विक्रय किये जाने पर प्रोत्साहन राशि देय नहीं होगी।

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स्रोत: Krishak Jagat