10 राज्यों ने माफ किया 1.21 लाख करोड़ रुपये का किसान कर्ज, अभी भी क्यों जरूरी है कृषि कर्ज माफी

March 18 2020

फसल खराब होने, सूखे और कर्ज को केंद्र सरकार किसानों की आत्‍महत्‍या का कारण मानती है. लेकिन वो कर्जमाफी के लिए कोई सहयोग नहीं दे रही. इसके बावजूद 10 राज्यों में कृषि कर्जमाफी (Farm Loan Waiver) की गई है. कहीं किसान हित को लेकर तो कहीं सियासी मजबूरी में. पिछले पांच साल में मुश्किल से सवा लाख करोड़ रुपये का कृषि कर्ज माफ किया गया है. लेकिन इस प्रवृत्ति पर आरबीआई (RBI) ने सवाल उठाते हुए इसकी मुखालफत की है. किसान संगठन और कृषि अर्थशास्त्री कह रहे हैं कि रिजर्व बैंक ने क्या कभी कारपोरेट जगत को दी जा रही टैक्स छूट और उनके एनपीए व बट्टा खाते के बारे में बोलने का साहस किया. जिससे आज बैंक डूब रहे हैं.

कृषि अर्थशास्त्री देविंदर शर्मा कहते हैं कि कारपोरेट का एनपीए (Non-Performing Asset) और राइट ऑफ (फंसे कर्ज को बट्टे खाते में डालना) मिलाकर 16.88 करोड़ हो गया है. क्या इससे अर्थव्यस्था पर बुरा असर नहीं पड़ता. इसके मुकाबले सवा लाख करोड़ रुपये की कर्जमाफी क्या है? क्यों इस पर आरबीआई को दर्द हो जाता है. जबकि किसान तो वाकई कर्जमाफी के हकदार हैं क्योंकि साल 2000 से 2016-17 के बीच भारत के किसानों को उनकी फसलों का उचित दाम न मिलने के कारण करीब 45 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. यह ओईसीडी (Organisation for Economic Co-operation and Development) की रिपोर्ट है. क्या आरबीआई ने कभी इसके बारे में चिंता जाहिर की है कि इसकी भरपाई कैसे होगी और कौन करेगा.

शर्मा कहते हैं कि एक तरफ 40-50 हजार रुपये के लोन पर किसानों को जेल में डाल दिया जा रहा है, वे आत्महत्या करने के लिए मजबूर हैं तो दूसरी ओर करोड़ों रुपये डकारने वाले उद्योगपतियों पर कोई कार्रवाई नहीं होती. कर्ज न चुकाने पर जेल में डालने वाली एक नीति बननी चाहिए. अगर 50 हजार रुपये का कर्ज न चुका पाने पर किसान जेल जाता है तो उद्योगपति भी जाना चाहिए.

किसानों पर कितना कर्ज 

भारत के हर किसान परिवार पर औसतन 47,000 रुपये का कर्ज है. तकरीबन 68 प्रतिशत किसान-परिवारों की आमदनी नकारात्मक है. करीब 80 फीसदी किसान बैंक लोन न चुका पाने की वजह से आत्‍महत्‍या कर रहे हैं और इस वक्‍त देश में क़रीब 60 फीसदी किसान परिवार कर्ज में डूबे हैं. लेकिन जमीनी स्‍तर पर उनके लिए काम नहीं दिखता.

10 राज्यों में कर्जमाफी2014 से 6 मार्च 2020 तक 10 राज्यों में कुल 1 लाख 21 हजार 546 करोड़ रुपये की कृषि कर्जमाफी की गई है. सबसे ज्यादा पैसा महाराष्ट्र और यूपी में माफ किया गया. यह माफी राज्यों ने अपने संसाधनों से की है. क्योंकि सरकार ने स्पष्ट कर दिया था कि जो राज्य किसान कर्ज माफ करना चाहते हैं वे कर सकते हैं लेकिन इसके लिए उन्हें केंद्र कोई मदद नहीं करेगा.


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स्रोत: न्यूज़ 18 हिंदी