मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा शपथ ग्रहण के तुरंत बाद किसानों की कर्ज़ माफी निर्णय के असमंजस आदेश के सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पत्रकार वार्ता में बड़ा बयान दिया। कृषक जगत ने जब उनसे पूछा कि सरकार के 31 मार्च तक की स्थिति में कर्ज़ माफ़ी आदेश से असमंजस की स्थिति और इसके रहते खंडवा जिले के पंधाना विकासखंड में 31 मार्च तक एक कृषक ने कर्ज़ माफ़ी योजना में शामिल न हो पाने पर आत्महत्या की है। इस के जवाब में दिग्विजय सिंह ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा की उनकी पार्टी ने सर्वप्रथम कर्ज़ माफ़ी की घोषणा जून 2018 में करी थी , इसलिए जून 2018 तक सभी कर्ज़दार किसानों का कर्ज़ माफ़ किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा विगत 6 जून को मन्दसौर में किसान रैली में पहली बार सरकार बनने के 10 दिन के अंदर कजऱ़् माफ़ी का एलान किया गया था।
एक और प्रश्न के जवाब में श्री सिंह ने कहा की प्रदेश में यूरिया की कमी निजी क्षेत्र में वितरण के अधिकार देने से हुई है । कांग्रेस सरकार में वितरण का अधिकार सहकारिता के माध्यम से होता था। उन्होंने निजी क्षेत्र को कालाबाज़ारी के लिए ज़िम्मेदार ठहराया । श्री सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा रिज़र्व बैंक से NPA सुधारने के मामले में व्यवसायिक एवं सहकारिता बैंक के लिए 7 लाख करोड़ रु. सरप्लस लेना चाहती है, यह रुपया किसी उद्योग के बजाय प्राथमिकता से किसानों को देना चाहिए।
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Source: Krishak Jagat