मध्य प्रदेश में क़र्ज़ माफ़ी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने किया बड़ा ख़ुलासामध्य प्रदेश में क़र्ज़ माफ़ी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने किया बड़ा ख़ुलासा

December 25 2018

मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा शपथ ग्रहण के तुरंत बाद  किसानों की कर्ज़ माफी निर्णय के असमंजस आदेश के सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पत्रकार वार्ता में बड़ा बयान दिया। कृषक जगत ने जब उनसे पूछा कि सरकार के 31 मार्च तक की स्थिति में कर्ज़ माफ़ी आदेश से असमंजस की स्थिति और इसके रहते खंडवा जिले के पंधाना विकासखंड में 31 मार्च तक एक कृषक ने कर्ज़ माफ़ी योजना में शामिल न हो पाने पर आत्महत्या की है। इस के जवाब में दिग्विजय सिंह ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा की उनकी पार्टी ने सर्वप्रथम कर्ज़ माफ़ी की घोषणा जून 2018 में करी थी , इसलिए जून 2018 तक सभी कर्ज़दार किसानों का कर्ज़ माफ़ किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा विगत 6 जून को मन्दसौर में किसान रैली में पहली बार सरकार बनने के 10 दिन के अंदर कजऱ़् माफ़ी का एलान किया गया था। 

 कांग्रेस की इसी घोषणा एवं वचन पत्र में किए गए किसानों की कर्ज माफी के वादे को निभाते हुए मध्य प्रदेश के नव नियुक्त मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शपथ लेने के बाद किसानों के दो लाख तक के कर्ज माफ़ करने की घोषणा कर दी. लेकिन इसमें तीन विरोधाभास सामने आए हैं. प्रेस वार्ता में मुख्यमंत्री ने ताजे ऋण को भी माफ़ करने की बात कही, जबकि प्रमुख सचिव, कृषि विभाग के आदेश में 31 मार्च 2018 तक की स्थिति में  ऋण माफ़ी का उल्लेख किया गया है. तीसरा यह की ग्रामीण बैंकों और अन्य व्यावसायिक बैंकों के बारे में भी स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है. वहीं दूसरी तरफ़ मुख्यमंत्री  ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 22 सदस्यों की कमेटी बनायी  जो कर्ज़ माफ़ी की कार्ययोजना बनाएगी । इसी बीच इंदौर में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कृषक जगत के सवाल का जवाब देते हुए जून तक की स्थिति तक कर्ज़ माफ़ी को बात कर कांग्रेस पार्टी की मंशा ज़ाहिर की है । इस बयान को पार्टी की मंशा के रूप में माना जा रहा है।

 एक और प्रश्न के जवाब में श्री सिंह ने कहा की प्रदेश में यूरिया की कमी निजी क्षेत्र में वितरण के अधिकार देने से हुई है । कांग्रेस  सरकार में वितरण का अधिकार सहकारिता के माध्यम से होता था। उन्होंने निजी क्षेत्र को कालाबाज़ारी के लिए ज़िम्मेदार ठहराया । श्री  सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा रिज़र्व बैंक से NPA सुधारने के मामले में व्यवसायिक एवं सहकारिता बैंक के लिए 7 लाख करोड़ रु. सरप्लस लेना चाहती है, यह रुपया किसी उद्योग के बजाय प्राथमिकता से किसानों को देना चाहिए।

 

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Source: Krishak Jagat