भारत सरकार द्वारा 22 अक्टूबर 2018 से 31 मार्च 2020 की अवधि के लिए एकीकृत कृषि विपणन योजना (आईएसएएम) की उप योजना कृषि विपणन आधारभूत संरचना (एएमआई) का प्रारंभ किया है। इस योजना का उद्देश्य कृषि मूल्य श्रुंखला का सर्वांगीण विकास करना है और जिसमें मुख्य रूप से फसलोत्तर मूल्य श्रुंखला पर बल दिया गया है। राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक एक क्रियान्वयनकर्ता संस्था है। इस योजना के अंतर्गत कोल्ड स्टोरेज (1000 मीट्रिक टन की क्षमता तक) भंडारण आधारभूत संरचनाए गैर भंडारण आधारभूत संरचना (प्राथमिक प्रसंस्करण), कृषक उत्पादक संगठनों के लिए सामान्य सुविधा केन्द्रों, छोटी तेल, दाल मिल, बाजार केन्द्रों हेतु आधारभूत संरचना, उत्पादों को सूखाने हेतु व्यवस्थाए किसान-ग्राहक बाजार, ग्रामीण हाट का विकास और उसका ग्रामीण हाट में उन्नयन और योजना के दिशा-निर्देशों में निर्दिष्ट अन्य फसलोत्तर प्रबंधन आधारभूत संरचना, व्यक्तियों, किसानों, उत्पादकों के समूहों, एफपीओ एफपीसी फॉम्र्स, कम्पनियांए निगमों, स्वयं सहायता समूहों, गैर सरकारी अन्गाथानों, सहकारिताओं, प्रतिभागियों, एस्टेट एजेंट्स आदि को ऋण से जुड़ी अनुदान सहायता उपलब्ध करायी जाती है।
अनुदान सहायता दो किश्तों ;अग्रिम अनुदान सहायता और अंतिम अनुदान सहायताद्ध में जारी की जाएगी। यदि कर्जदार का खाता अनर्जक आस्ति हो जाता है या योजना के दिशा.निर्देशों का उल्लंघन तो अनुदान सहायता वापस की जाएगी।
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Source: Krishak Jagat