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रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक क्लिक से देश के दो करोड़ किसानों के खाते में दो-दो हजार रुपये भेज दिए लेकिन छत्तीसगढ़ के किसानों को यह रकम नहीं मिल पाई। दरअसल यहां के किसानों की डाटा इंट्री ही नहीं हो पाई है।
प्रदेश में करीब 30 लाख ऐसे किसान हैं जो सम्मान निधि के हकदार हैं। इनमें से अब तक एक लाख 19 हजार पांच सौ किसानों के नाम ही अपलोड किए जा सके हैं।
इस बात की शिकायत लेकर पूर्व कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू राज्यपाल के पास पहुंच गए। साहू का कहना है कि जो डाटा पहले से कमिश्नर भूमि रिकार्ड के पास मौजूद हैं उसे देने में कितना वक्त लगना चाहिए।
राजनीति अपनी जगह है लेकिन किसान का मामला व्यापक हित के नजरिए से देखा जाना चाहिए। समय पर आंकड़े न भेजने से प्रदेश के किसानों के 180 करोड़ अटक गए। इधर राजस्व विभाग के सचिव एनके खाखा इन आरोपों को खारिज कर रहे हैं।
उनका कहना है कि प्रक्रिया में विलंब जानबूझकर नहीं किया जा रहा है। हमने सॉफ्टवेयर डवलप कराया है। उसमें लगातार डाटा इंट्री की जा रही है।
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स्रोत: Nai Dunia