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बीजों की गुणवत्ता को लेकर वर्षों से बीज विकास निगम कटघरे में है। इसमें तकनीकी जानकार के न रहने व भारी लापरवाही बरतने से किसानों को खामियाजा भुगतना पड़ता है। किन्तु सरकार बदलने के बाद भी बीज विकास निगम जैसे महत्वपूर्ण संस्थान में तकनीकी जानकार अधिकारी की पदस्थापना न कर ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी जैसे पद पर बैठे व्यक्ति को बीज विकास निगम, प्रक्रिया केन्द्र का प्रभारी बना दिया हैं। ताजा मामला स्थानीय अजिरमा स्थित बीज प्रक्रिया केन्द्र का है,जहां उत्पादन सहायक एवं वर्तमान प्रभारी को हटाकर रायगढ़ के बोईरदादर प्रक्रिया केन्द्र में पदस्थ ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी को प्रभारी बना दिया गया है। इसकी जानकारी स्थानीय जनप्रतिनिधियों को लगी तो तत्काल स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को दी, ताकि राज्य स्तर पर अधिकारियों की मनमानी पर रोक लगाई जा सके।
ग्रेडर मशीन के साथ अन्य जानकारी जरुरी
बताया जा रहा है जिस अधिकारी को बीज प्रक्रिया केन्द्र की जिम्मेदारी दी जाती है उसे बीजों के संबंध में तकनीकी जानकारी होनी चाहिए। प्रक्रिया केन्द्र में ग्रेडर मशीन चलाने से लेकर बीज उत्पादन कराने, प्रक्रिया केन्द्र में बीजों के भंडारण, उसकी सेंपलिंग, ग्रेडिंग, ग्रेडिंग से पूर्व जर्मिनेशन सर्टिफिकेट बनाने तक की जिम्मेदारी होती है किन्तु कृषि विभाग के एक ग्रामीण कृषि विकास अधिकारी को प्रभारी बनाने से बीज प्रक्रिया केन्द्र की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। यही नहीं जो प्रभारी होता है उसे प्रक्रिया केन्द्र में लॉट नंबर जो सबसे महत्वपूर्ण होता है उसे जानने के साथ फाउंडेशन, ब्रीडर एवं प्रमाणित बीजों की प्रकृति को समझना भी जरुरी होता है। जानकारों की मानें तो कृषि विभाग के ही वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी को बीज प्रक्रिया केन्द्र का प्रभारी बनाया जा सकता है।
स्थानीय स्तर पर ही कई अधिकारी अन्य विभाग में
रायगढ़ के एक ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी को अजिरमा बीज प्रक्रिया केन्द्र का प्रभारी बनाया गया है जबकि जिले में ही कई ऐसे वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी हैं जो अन्य विभागों व ऐसे स्थानों पर पदस्थ किए गए हैं जहां उनकी उपयोगिता साबित नहीं हो रही है। इन जानकार अधिकारियों को छोड़ दूसरे जिले से ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी को राज्य स्तर के अधिकारियों द्वारा प्रक्रिया केन्द्र प्रभारी बनाया जाना समझ से परे है।
जांजगीर प्रक्रिया केन्द्र में बड़े पैमाने पर बीज ग्रेडिंग के लिए आया है इस कारण अजिरमा के प्रभारी को जांजगीर भेजना अतिआवश्यक हो गया था। जांजगीर के प्रक्रिया की तबीयत बिगड़ने से तत्काल निर्णय लेना पड़ा। अजिरमा प्रक्रिया केन्द्र में जिसे पदस्थ किया गया है वह भी जानकार हैं। हमारे विभाग में कर्मचारियों की कमी से कृषि विभाग से ही प्रतिनियुक्ति करनी पड़ती है।
जन्मेजय महोबे
प्रबंध संचालक, बीज विकास निगम रायपुर
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स्रोत: नई दुनिया