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पांच फरवरी को इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एसके पाटिल और निदेशालय विस्तार सेवाएं डॉ. एएल राठौर, फार्म मशीनरी एंड पावर के विभागाध्यक्ष डॉ. एके दवे ने कृषि विज्ञान केन्द्र धमतरी का निरीक्षण किया। अधिकारियों ने प्रक्षेत्र, जिले की नम तथा जलीय भूमि का अवलोकन किया।
कृषि विज्ञान केन्द्र धमतरी में जलीय पौधों जैसे मखाना, कमलगट्टा एवं लाल सिंघाड़ा की खेती की जाती है। इससे इसकी अंचल में अपनी अलग ही पहचान है। कुलपति ने जलीय पौधों की खेती को विभिन्न फसलों के साथ संयुक्त रूप से उगााकर प्रयोग करने के लिए मार्गदर्शन दिया। उन्होंने धान के साथ मछली पालन तथा धान पश्चात मखाना की खेती, धान पश्चात सिंघाड़ा की खेती के लिए प्रयोग करने का दिशा-निर्देश केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एसएस चंद्रवंशी को दिया। जिले में धान की अधिकता है। इन खेतों में बत्तख पालन कर किस तरह आय बढ़ाई जा सकती है, इसके लिए प्रक्षेत्र में 1000 बत्तख पालन के लिए रूपरेखा बनाई गई। मखाना के प्रसंस्करण के लिए यंत्र की आवश्यकता बताते हुए कार्ययोजना बनाकर जिला प्रशासन से सहायता प्राप्त करने की बात कही गई। कुलपति ने जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए वृहद स्तर पर किसान मेला, सम्मेलन, प्रशिक्षण आयोजित करने को कहा और मखाना की खेती के प्रचार प्रसार के लिए मखाना दिवस के आयोजन की बात कही। इस अवसर पर इंजीनियर अमित कुमार सिन्हा, शक्ति वर्मा, मनीषा खापर्डे, डॉ. हितेश कुमार मिश्रा, अशीष बंजारे, घनश्याम प्रसाद, विनोद कुमार, कीर्तन प्रसाद, दिलदार सिन्हा, योगेश्वर साहू, इमानवेल मसीह उपस्थित थे।
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स्रोत: Nai Dunia