One-percent reduction in grain production, farmers will earn more

March 01 2019

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चावल उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर रहने के बावजूद 2018-19 में देश का अनाज उत्पादन एक फीसदी गिरकर 28.137 करोड़ टन रहने का अनुमान है। पिछले कुछ वर्षों से देश में अनाज, तिलहन, कपास, गन्ना, फल और सब्जियों का उत्पादन ऊंचे स्तर पर रहने के कारण किसानों को कम दाम मिल रहे थे। लेकिन इस वर्ष उत्पादन कम रहने के कारण किसानों को उनकी फसलों का अच्छा दाम मिल सकता है। 

सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश में मोटे अनाज और दालों की पैदावार कम रहने के कारण मौजूदा फसल वर्ष (जुलाई से जून) में अनाज उत्पादन गिरने का अनुमान है। 2017-18 के फसल वर्ष में देश का अनाज उत्पादन 28.483 करोड़ टन रहा था।  केंद्रीय कृषि मंत्रालय 2018-19 फसल वर्ष के दौरान उत्पादन अनुमान के दूसरे आंकड़े जारी करते हुए कहा कि इस वर्ष देशभर में कुल अनाज उत्पादन 28.137 करोड़ टन रहने का अनुमान है। हालांकि मंत्रालय ने आगे कहा कि समय के साथ और स्पष्ट जानकारी आने से आंकड़ों में बदलाव संभव है। 

मानसून की बारिश औसत से कम

मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, जून से जुलाई तक चलने वाले मानसून सत्र के दौरान इस वर्ष देश में कुल बारिश नौ फीसदी रही जो लंबी अवधि के औसत से कम रही। 2018-19 में चावल उत्पादन 11.56 करोड़ टन रहने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष के 11.291 करोड़ टन के उत्पादन से अधिक है। वहीं पिछले वर्ष के 9.97 करोड़ टन के मुकाबले इस फसल वर्ष गेंहू का उत्पादन हल्की गिरावट के साथ 9.912 करोड़ टन रहने का अनुमान है।

घटेगी मोटे अनाज की पैदावार

फसल वर्ष 2018-19 के दौरान मंत्रालय ने मोटे अनाज का उत्पादन अनुमान 4.26 करोड़ टन का रखा है, जो पिछले फसल वर्ष के 4.69 करोड़ टन से कम हैं। वहीं, 2017-18 के 2.52 करोड़ टन के मुकाबले 2018-19 में दालों का उत्पादन 2.40 करोड़ टन रहने का अनुमान है। 

बढ़ेगा तिलहन उत्पादन

चालू फसल वर्ष के दौरान गैर खाद्य फसलों में तिलहन का उत्पादन, 3.15 करोड़ टन रहने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष 3.13 करोड़ टन था। वहीं गन्ना उत्पादन 38.08 करोड़ टन से घटकर 37.69 करोड़ टन रहेगा। इसके साथ ही कपास उत्पादन भी 3.49 करोड़ बेल्स से घटकर 3.01 करोड़ बेल्स (एक बेल यानी 170 किलोग्राम) रहने का अनुमान है, जबकि सफेद जूट और मेस्टा उत्पादन 1.013 करोड़ बेल्स से घटकर 1.007 करोड़ बेल्स (एक बेल यानी 180 किलोग्राम) रह सकता है।

 

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स्रोत: Amar Ujala