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जय किसान फसल ऋण माफी योजना के तहत प्रथम चरण में 50 हजार कर्ज तक वाले एक लाख से अधिक किसानों को शामिल किया था, जिनके खातों में 434 करोड़ रुपए पहुंचने थे लेकिन अभी तक किसानों के खातों में कर्जमाफी की राशि नहीं पहुंची है। इधर बैंक किसानों को ब्याज सहित कर्ज की वसूली के नोटिस भेज रहे हैं। वहीं खातों में पैसे नहीं पहुंचने के कारण किसानों को नो ड्यूज प्रमाण-पत्र भी नहीं मिल पा रहे हैं। रविवार को आचार संहिता लगने के बाद ऋण माफी योजना का पैसा अटक गया है।
ग्राम निपानिया के किसान संतोष वर्मा ने बताया कि मैंने 50 हजार रुपए का ऋण पिछले साल लिया था, जो अब ब्याज सहित 58 हजार रुपए से अधिक हो गया है। मैंने एक किश्त भी 6 हजार रुपए की जमा कर दी है, लेकिन अब बैंक से 52 हजार रुपए की वसूली का नोटिस आया है। जबकि सरकार का कहना है कि 50 हजार रुपए तक कर्ज को पहले चरण में माफ कर दिया है, लेकिन बैंक और सोसायटियां इस बात से इंकार कर रही हैं। इसी गांव के अन्य किसानों ने भी नोटिस मिलने की बात बताई है।
मामले का निराकरण किया जाएगा
अभी तक ऐसी शिकायत नहीं आई है। यदि बैंक से किसानों को नोटिस आ रहे हैं और नो ड्यूज नहीं मिल पा रहे हैं, तो इसको लेकर टीएल बैठक में चर्चा कर मामले का निराकरण कराया जाएगा - वीके चतुर्वेदी, एडीएम
आचार संहिता लगने से पहले किसानों को आए मैसेज
चुनाव आयोग द्वारा रविवार शाम को पांच बजे की गई लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही आचार संहिता लागू हो गई लेकिन प्रदेश सरकार की ऋण माफी योजना के मैसेज किसानों को मोबाइल पर दोपहर में मिलने शुरू हो गए थे। मैसेज में लिखा है कि जय किसान फसल ऋणमाफी योजना में आपका आवेदन मिला है। लोकसभा चुनाव आचार संहिता के कारण आपकी ऋण माफी अभी स्वीकृत नहीं हो पाई है। लोकसभा चुनाव के बाद शीघ्र स्वीकृति की जाएगी।
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स्रोत: नई दुनिया