If your account does not come under the 'PM-Kisan' scheme, then please report here here.

February 26 2019

This content is currently available only in Hindi language.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरूआत रविवार को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में रविवार को कर दी है. इस योजना के तहत प्रधानमंत्री मोदी के एक क्लिक के साथ ही 6,000 हजार रुपये की पहली किश्त 2,000 रुपये किसानों के खाते में पहुंच गई. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को लॉन्च करने के बाद कहा है कि इस योजना में पूरी तरह से पारदर्शिता बरती गई है. 

लाभार्थी किसानों की सूची ग्राम पंचायत में जारी की जाएगी. उसके बाद लाभार्थी किसानों की योजना पीएम-किसान पोर्टल पर अपलोड की जाएगी. ऐसे में जिन किसानों को लगता है कि वे इस योजना के अंतर्गत आते हैं, लेकिन योजना में उनका नाम नहीं हैं तो वे ब्लॉक या जिलास्तर पर अधिकारियों से मिलकर उन्हें अपने समस्याओं से अवगत करा सकते है.

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि अगर इस योजना के सभी नियमों को पूरा करने के बावजूद आपके खाते में पैसा नहीं आए तो आप इसके लिए शिकायत दर्ज करा सकते है. इस शिकायत के लिए आपको लेखपाल अधिकारी (पटवारी) के पास जाना होगा. वह आपकी जमीन का ब्यौरा देगा. अगर वह नियम के मुताबिक निकला तो आपको लेखपाल अधिकारी से लिखावाकर जिला कृषि अधिकारी से मिलना होगा. वहीं इस फैसला लेगा.

क्या है प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना ?

देश के छोटे और सीमांत किसान, जिनके पास राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेशों के भू-अभिलेखों में सम्मिलित रूप से 2 हेक्टेयर (लगभग 5 एकड़) तक की कृषि योग्य भूमि का स्वामित्व है,  उन किसानों के खाते में    प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत हर साल 6 हजार रुपये दिए जाएंगे. यह राशि 3 किश्त में चार-चार माह के अंतराल पर की तीन किश्तों में किसानों के बैंक खातें में सीधे उपलब्ध कराई जाएगी.

किन किसानों को नहीं मिलेगा योजना का लाभ

ऐसे किसान जिनके नाम 1 फरवरी 2019 तक लैंड रिकॉर्ड में दर्ज हैं, उन्हें ही सालाना 6 हजार नकद मिलेगे. इस तारीख के बाद अगर जमीन की खरीद-बिक्री के बाद जमीन दस्तावेजों में मालिकाना हक का बदलाव हुआ तो अगले 5 साल तक प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत का उन्हें लाभ नहीं मिलेगा. हालांकि, अगर अपनों के नाम पर जमीन हस्तांतरण में मालिकाना हक में बदलाव होता है तो वे इस योजना के लिए योग्य माने जाएंगे.

 

इस खबर को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह खबर अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है|

स्रोत: Krishi Jagran