Budget 2019: Long term remedies for changes in agriculture

February 01 2019

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चुनावी साल के बजट में कृषि क्षेत्र के लिए राहत पैकेज की अटकलों के बीच राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा कि किसानों की मुश्किलों को सुलझाने और उसके स्थायी समाधान की दिशा में सरकार प्रयास कर रही है। राष्ट्रपति ने किसानों को अर्थव्यवस्था की रीढ़ बताया। उन्होंने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार कृषि क्षेत्र में बदलाव के लिए बजट में दीर्घकालिक उपाय किए जाएंगे।

माना जा है कि शुक्रवार को संसद में पेश होने के लिए तैयार बजट में सरकार कृषि क्षेत्र को प्राथमिकता देगी। राष्ट्रपति गुरुवार को संसद के दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे। उनके अभिभाषण में बजट प्रावधानों में कृषि क्षेत्र को प्रमुखता दिये जाने के स्पष्ट संकेत हैं। केंद्रीय कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल शुक्रवार को संसद में अंतरिम बजट पेश करेंगे। हाल ही में कई राज्यों के विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली हार के बाद चालू वित्त वर्ष के बजट प्रावधानों में राजनीतिक छाप दिखने की पूरी संभावना है। कृषि व्यवस्था स्थायी बदलाव लाने और अन्नदाता किसानों को सशक्त बनाने और उन्हें मुश्किलों से उबारने के लिए सरकार बजट में कुछ और नये उपाय कर सकती है।

कृषि लागत में कमी लाने और किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के साथ उन्हें उपकरण की खरीद और अन्य गतिविधियों के लिए मदद की जरूरत है। उन्हें नये बाजार मुहैया कराने और कृषि क्षेत्र में आय के नये साधन जोड़ने के लिए नई सोच के साथ काम किया जा रहा है। कोविंद ने कहा कि सरकार इसके लिए नई सोच के साथ काम कर रही है। सरकार ने एक ऐतिहासिक पहल करते हुए जहां खेती की लागत घटाने का प्रयास किया है, वहीं 22 कृषि उपजों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लागत के मुकाबले डेढ़ गुना कर दिया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि किसानों को उन्नत बीज के साथ कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से आधुनिक प्रौद्योगिकी मुहैया कराई जा रही है। मिट्टी की सेहत की जांच के लिए 17 करोड़ किसानों के सॉयल हेल्थ कार्ड बनाए जा चुके हैं। यूरिया को सौ फीसद नीम कोटेड कर दिया गया है। हर खेत को पानी देने की घोषणा को सरकार ने पूरा करने के लिए 99 लंबित सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने में जुटी हुई है।

इनमें से ज्यादातर इसी महीने पूरी हो जाएंगी। जबकि कम पानी से अधिक से अधिक सिंचाई सुविधा मुहैया कराने के लिए माइक्रो इरिगेशन को प्रोत्साहित किया जा रहा है। फसलों को जोखिम से बचाने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की सुविधा मिली है। डेढ़ हजार मंडियों में आन लाइन कारोबार होने लगा है। इसके साथ ही खाद्यान्न भंडारण और कोल्ड चेन को बढ़ावा दिया जा रहा है। नीली क्रांति से मत्स्य पालन नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया है। कोविंद ने कहा कि इन नए उपायों से 70 साल पुरानी कृषि प्रणाली में नया बदलाव दिखेगा।

 

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स्रोत: Nai Dunia