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इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय से संबद्ध 16 कृषि कॉलेजों का निरीक्षण कर एक्रीडिएशन टीम 20 फरवरी को दिल्ली लौट गई। लगातार सात दिनों तक विवि समेत जिले भर में संचालित कृषि कॉलेजों का निरीक्षण करने के बाद टीम आइसीआर को रिपोर्ट सौंपेगी। वहीं निरीक्षण टीम के चेयरमैन, मेंबरों की बैठक लेकर सभी कॉलेजों के निरीक्षण पर चर्चा के दौरान कई कॉलेजों की रिपोर्ट से संतुष्ट थे, लेकिन कोरिया, बेमेतरा, रायगढ़ और भाटापारा जिले में संचालित कृषि कॉलेजों में पर्याप्त स्टाफ नहीं होने की वजह से फिलहाल इस बार एक्रीडिएशन से इन्हें वंचित रखा गया है। हालांकि विवि से एक्रडिएशन टीम का निरीक्षण प्रभार संभाल रहे सदस्यों का कहना है किटीम सदस्य निरीक्षण के दौरान काफी संतुष्ट थे। कई जगह उन्होंने विवि, कृषि विज्ञान केंद्रों की तारीफ भी की, इसलिए एक्रीडिएशन रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ बता पाएंगे, क्योंकि रिपोर्ट गोपनीय सौंपी जाती है। पूरी उम्मीद है कि सभी कृषि कॉलेज एक्रीडिएशन में शामिल होंगे।
एक्रीडिएशन टीम ने पांच पुराने कृषि कॉलेजों की रिपोर्ट से खुश थे, वहीं रायगढ़, बेमेतरा, कोरिया, जगदलपुर कृषि कॉलेज में भवन नहीं होने से काफी नाराज हुए। विभागीय सूत्रों की मानें तो इसके लिए टीम ने रिपोर्ट में खामी दर्ज की है, साथ ही उन्होंने कहा कि सिर्फ कृषि कॉलेज की संख्या बढ़ाने से एक्रीडिएशन में शामिल नहीं हो सकते हैं। वहीं टीम के अध्यक्ष डॉ. एचपी सिंह, पूर्व उप-महानिदेशक ने नईदुनिया को यह संकेत जरूर किया कि रायगढ़, कोरिया, बेमेतरा कृषि कॉलेजों में पर्याप्त स्टॉफ नहीं है। आइसीआर के नियम के मुताबिक कम से कम 25 स्टाफ कॉलेजों में होना चाहिए। मौजूदा छत्तीसगढ़ के नियम के अनुसार 16 स्टाफ में सिर्फ 10 हैं।
कॉलेज शुरू करना उपलब्धि नहीं
टीम के चेयरमैन की सदस्यों के साथ चली बैठक में भी 4 कॉलेजों की खामियां पर चर्चा हुई थी। उन्होंने विवि के सदस्यों से चर्चा करने के साथ कुलपति के सामने भी प्रश्न रखा। इस दौरान कहा कि स्टूडेंट्स की दर्ज संख्या के आधार पर आइसीआर के नियमों का पालन जरूरी है। जबकि भाटापारा कृषि कॉलेज में स्टूडेंट्स की संख्या लगभग 160 है। जो कि नियम से अधिक है। वहीं मूर्रा और साजा में दो नए कृषि कॉलेज खोलने की स्वीकृति पर टीम सदस्यों ने कहा पहले संचालित कृषि कॉलेजों में स्टाफ, भवन तो तैयार करवा ले। सिर्फ कॉलेज शुरू करना ही उपलब्धि नहीं है, इसलिए टीम ने भवन, स्टाफ होने के बावजूद इस कॉलेज को भी एक्रीडिएशन से बाहर रख सकती है।
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स्रोत: Nai Dunia