तिलहनी फसलों के खेती की नई तकनीक और विकास विषय पर कृषि प्रसार अधिकारी, कृषक मिल, कृषि आदान विक्रेताओं और कृषकों को दो दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में डॉ. बीरबल साहू वरिष्ठ वैज्ञानिक और प्रमुख कृषि विज्ञान केन्द्र कांकेर ने तिलहनी फसलों का महत्व, उत्पादन का वर्तमान परिदृश्य व संभावनाओं पर प्रकाश डाला। समन्वित कृषि प्रणाली अनुसंधान के परियोजना के प्रभारी और वैज्ञानिक अनिल कुमार नेताम ने रबी ऋतु के तिलहनी फसलों के उत्पादन के उन्नत तकनीक से प्रशिक्षणार्थियों को अवगत कराया। इसी तरह कृषि विज्ञान केन्द्र कांकेर के वैज्ञानिक डॉ. कोमलसिंह केराम ने तिलहनी फसलों के लिए मृदा व पोषक तत्व प्रबंधन दिनेश सिन्हा ने कीट नियंत्रण, डॉ. उपेन्द्र नाग ने रोग नियंत्रण, डॉ. सीएल ठाकुर ने खरीफ तिलहनी फसलों के उत्पादन तकनीक साथ ही इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के वैज्ञानिक डॉ. एके त्रिपाठी ने रामतिल व अरण्डी फसल के खेती के तकनीक बताए। इस प्रशिक्षण में कांकेर, नरहरपुर व दुर्गूकोंदल विकासखंड के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, कृषक मित्र व कृषक शामिल हुए।
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स्रोत: Nai Dunia


 
                                         
                                         
                                         
                                         
 
                            
 
                                            