राजस्थान में किसानों की आय बढ़ाएगा माइनर मिलेट्स , उत्पादन को दिया जाएगा बढ़ावा

November 14 2019

किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रदेश में माइनर मिलेट्स के उत्पादन को बढ़ावा देने के प्रयास किए जाएंगे. राजधानी जयपुर में स्थित दुर्गापुरा कृषि अनुसंधान संस्थान में हाल ही में इसकी किस्मों पर प्रयोग हुआ है, जिसमें इसे राजस्थान की जलवायु के अनुकूल पाया गया है. माइनर मिलेट्स में पोषक तत्वों की मात्रा बाजरे के मुकाबले काफी ज्यादा होती है और इसका बाजार मूल्य भी उससे अधिक है.

कर्नाटक और दक्षिण भारत के दूसरे राज्यों में होती है इसकी खेती

दुर्गापुरा कृषि अनुसंधान संस्थान की ओर से इसके उत्पादन को बढ़ावा देने की सिफारिश की जाएगी. आम तौर पर सागाहार में उपयोग आने वाले माइनर मिलेट्स की खेती ज्यादातर कर्नाटक और दक्षिण भारत के दूसरे राज्यों में होती है. दक्षिण राजस्थान के कुछ जिलों में भी छोटे स्तर पर इसकी खेती की जाती है. लेकिन अब किसानों की आय बढ़ाने की कवायद के मद्देनजर इसकी खेती को बढ़ावा दिए जाने के प्रयास किए जाएंगे.

दुर्गापुरा कृषि अनुसंधान संस्थान ने किए हैं प्रयोग

हाल ही में दुर्गापुरा कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा इसकी विभिन्न किस्मों पर प्रयोग कर देखे गए हैं. इसकी 3-4 किस्मों को राजस्थान की जलवायु के अनुकूल पाया गया है. अब संस्थान द्वारा इसके बीज उत्पादन का काम हाथ में लिया जाएगा और ज्यादा से ज्यादा किसानों तक इसे पहुंचाने के प्रयास होंगे.

पोषक तत्वों की मात्रा काफी ज्यादा होती है

कृषि अनुसंधान संस्थान के बाजरा परियोजना प्रभारी डॉ. एल डी शर्मा के अनुसार बाजरे के मुकाबले माइनर मिलेट्स में पोषक तत्वों की मात्रा काफी ज्यादा होती है. यही वजह है कि सागाहार में इसका उपयोग किया जाता है ताकि ज्यादा ऊर्जा प्राप्त की जा सके. इसका बाजार मूल्य भी बाजरे की अपेक्षा बहुत ज्यादा होता है. ऐसे में खरीफ की फसल में किसान बाजरे के स्थान पर माइनर मिलेट्स की खेती करेंगे तो उन्हें ज्यादा आय हो सकेगी.

बाजरे की फसल के बराबर समय में ही तैयार होगा

दुर्गापुरा कृषि अनुसंधान संस्थान में साल 1976 से आईसीएआर का पर्ल मिलेट सेन्टर संचालित हो रहा है. अब आईआईएमआर हैदराबाद ने संस्थान को माइनर मिलेट पर प्रयोग कर अनुकूलता पता लगाने को कहा था जिसमें उसे कामयाबी हाथ लगी है. जिन किस्मों को राजस्थान के अनुकूल पाया गया है वो बाजरे की फसल के बराबर समय में ही तैयार होगी, लेकिन किसानों को अपनी फसल की ज्यादा कीमत मिलेगी.

 

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स्रोत: न्यूज़ 18 हिंदी