किसान जुटे खरीफ की तैयारी में, मंडी में घटी धान की आवक                                        
                                        
                                            
                                            June 21 2019                                        
                                    
                                    कृषि उपज मंडी में नए धान की आवक धीरे-धीरे कम होने लगी है। सप्ताह भर पूर्व जहां मंडी में 7000 से 8000 क्विंटल धान की आवक हो रही थी, वहीं अब इसकी आवक घटकर 1900 से लेकर दो हजार क्विंटल रह गई है। गुरुवार 20 जून को मंडी में 1970 क्विंटल धान की आवक हुई। कृषि उपज मंडी में धान का सही भाव नहीं मिलने से अधिकांश किसानों में अब भी निराशा है।
इन दिनों अंचल के खरीफ फसल की तैयारी में जुट गए हैं। खेती किसानी का खर्च निबटाने के उद्देश्य से किसान धान लेकर मंडी पहुंच रहे हैं। धान का वाजिब रेट नहीं मिलने से किसानों में निराशा है। मंडी में पहले जैसे आढ़तियों,राइस मिलर, व्यापारियों की भीड़ दिखाई नहीं पड़ रही। अर्ली वैराइटी का धान उत्पादन करने वाले किसान ही नया धान लेकर मंडी पहुंच रहे हैं। माहभर के दौरान मंडी में धान कि आवक घट गई है। माहभर पूर्व जहां मंडी में 7000 से 8000 क्विंटल धान की आवक हो रही थी, वहीं अब इसकी आवक घटकर दो हजार क्विंटल रह गई है। गुरुवार को मंडी में 1970 क्विंटल धान की आवक हुई। कृषि उपज मंडी में पहुंच रहे किसान धान का अनुमानित भाव नहीं मिलने से निराश हैं। मालूम हो कि मंडी में पहुंचने वाला धान धमतरी जिले के गांवों के साथ ही साथ समीपवर्ती बालोद जिले का भी है। मंडी सचिव डीके सिंह ने बताया कि मंडी में धान की आवक घट गई है। गुरुवार 20 जून को श्यामतराई कृषि उपज मंडी में आईआर 64 धान 1370 से 1460 रूपए प्रति क्विंटल, सांभा नया 1650 से 1913, ओमश्री 1600 से 1800, 1001 धान 1320 से 1350, सरना 1450 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से बिका।
मजदूरी भुगतान और खाद-बीज के लिए रकम की दरकार
ग्राम शंकरदाह के किसान कीर्तन ध्रुव, हिंछाराम ध्रुव, पंचराम साहू, श्यामतराई के किसान बलमा निषाद, राज कुमार ठाकुर ने कहा कि खरीफ फसल के धान बीज के लिए वे रकम की व्यवस्था कर रहे हैं। मंडी में सही दाम नहीं मिलने के बाद भी जल्द से जल्द धान बेचना चाह रहे हैं, ताकि खरीफ फसल की तैयारी में फर्क न पड़े। भटगांव के किसान प्रेम लाल साहू साहू, राकेश साहू ने बताया कि धान की कटाई, मिंजाई का मजदूरी भुगतान अब तक नहीं हो पाया है, उसकी व्यवस्था करने के लिए यहां मंडी में धान बेचने पहुंचे हैं।
 
इस खबर को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह खबर अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है।
स्रोत: नई दुनिया