अमेरिका की ओर से भारतीय कृषि उत्पादों के आयात पर लगाए गए शुल्क के जवाब में भारत भी अमेरिकी आयात पर शुल्क लगा सकता है. जिसका अमेरिकी निर्यात पर बुरा असर पड़ेगा और उसका लगभग 90 करोड़ डॉलर का निर्यात प्रभावित होगा. गौरतलब है कि अमेरिका से भारत में सेब, बादाम, अखरोट, दाल और चना आयात किया जाता है. भारत ने भी सेब, बादाम और मसूर समेत अन्य अमेरिकी कृषि उत्पादों पर शुल्क लगाने का प्रस्ताव किया है. अमेरिकी संसद की एक रिपोर्ट में इस बात का अंदेशा जताया गया है कि अगर भारत की ओर से कृषि उत्पादों को लेकर इस तरह का कदम उठाया जाता है तो अमेरिका के निर्यात पर करीब 90 करोड डॉलर का असर पड़ेगा.
दरअसल, अमेरिकी संसद की स्वतंत्र शोध शाखा संसदीय शोध सेवा (सीआरएस) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि चीन, यूरोपीय संघ, तुर्की, कनाडा और मैक्सिको के जवाबी शुल्क के दायरे में 800 से अधिक अमेरिकी खाद्य और कृषि उत्पाद आते हैं. सीआरएस ने ट्रंप सरकार के शुल्क लगाने की प्रतिक्रिया पर अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत ने अमेरिकी खाद्य और कृषि उत्पादों पर शुल्क लगाने की धमकी दी है. हालांकि, दोनों देशों के बीच चल रही बातचीत के मद्देनजर वह शुल्क लगाने की तिथि को कई बार आगे बढ़ा चुका है और अब 31 जनवरी 2019 की तारीख तय की है. सीआरएस ने कहा कि अमेरिका ने भारत को 2017 में कुल 1.8 अरब डॉलर के कृषि उत्पादों का निर्यात किया था. भारत ने जिन उत्पादों पर शुल्क लगाना निर्धारित किया है, उसका मूल्य 85.7 करोड़ डॉलर है. अमेरिका के किसानों खासकर बादाम उगाने वाले भारत के जवाबी शुल्क की धमकी को महसूस कर रहे हैं.
23 मार्च 2018 को अमेरिका ने स्टील के आयात पर 25 फीसदी और ऐल्युमिनियम के आयात पर 10 फीसदी शुल्क लगाया था. इसके बाद कई देशों ने अमेरिका के फूड प्रोडक्ट्स पर टैक्स लगा दिया था. हालांकि भारत जवाबी शुल्क लागू करने में देरी कर रहा है. इस टैक्स का एलान भारत ने पिछले साल अक्टूबर में ही कर दिया था. उस दौरान ट्रंप ने भारत को टैरिफ किंग कहा था और कहा था कि, भारत ने अमेरिका के आय़ातों पर टैरिफ लगाया है.
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स्रोत - Krishi Jagran