पशु कल्याण पखवाड़ा 14 से 31 जनवरी तक

January 05 2019

पशुपालन विभाग की ओर से प्रत्येक वर्ष की तरह इस बार भी 14 जनवरी से 31 जनवरी 2019 तक पशु कल्याण पखवाड़ा मनाया जाएगा। इस दौरान राज्य भर में विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से पशु पक्षियों के कल्याण हेतु लोगों को प्रेरित किया जाएगा एवं पशु कल्याण हेतु पशु चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया जाएगा। 

पशु पालन विभाग के निदेशक डॉ. शैलेष शर्मा ने बताया कि पशु कल्याण पखवाड़े के अवसर पर विभाग द्वारा जिलों में प्रत्येक पशु चिकित्सा संस्था पर एक एक बांझ निवारण एवं पशु शल्य चिकित्सा शिविर आयोजित करने के निर्देश दिये गए हैं, जिससे ज्यादा से ज्यादा पशुओं को लाभान्वित किया जा सके। उन्होंने बताया कि शिविरों के माध्यम से पशुपालकों तथा गोशालाओं के पशुओं को कृमिनाशक औषधि पिलाने, संबंधित क्षेत्र की गौशालाओं एवं पशुपालकों के पशु बाड़े में जाकर ठण्ड से पीडि़त पशुओं को राहत देने संबंधित आवश्यक उपाय करवाने तथा ग्राम में संचालित पशु खेलियों की सफाई तथा रंगरोगन कराकर पुन: पानी भरवाना सुनिश्चित करने का काम किया जाएगा। डॉ. शर्मा ने बताया कि पशुकल्याण पखवाड़े के सफल आयोजन के लिए जिला स्तर अधिकारियों को प्रत्येक तहसील अथवा पंचायत समिति स्तर पर पशु कल्याण गोष्ठी आयोजित करने के निर्देश विभाग द्वारा दिये गए हैं। इसके अतिरिक्त जिले की समस्त पशु चिकित्सा संस्थाओं को अपने क्षेत्र की ग्राम पंचायतों, नगर पालिकाओं, एवं गौशालाओं में चेतना शिविर तथा गोष्ठियां एवं पशु कल्याण जन जागृति रैली आयोजित करवाने के लिए भी निर्देशित किया गया है।

इस अवसर पर जन जागरण के माध्यम से पशु गाडिय़ों में क्षमता से अधिक भार ढ़ोने से रोकने का प्रयास भी किया जाएगा।उन्होंने बताया कि पशु कल्याण पखवाडे के दौरान सूचना मिलने पर मौके पर जाकर रोगी एवं घायल पशुओं को नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। 

डॉ. शर्मा ने बताया कि पशु पखवाड़े के दौरान 26 जनवरी गणतंत्र दिवस तथा 30 जनवरी को सर्वोदय दिवस के रूप में मनाया जाएगा, जिसमें विभिन्न पशुकल्याण आधारित कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। 

उन्होंने बताया कि पतंग बाजी के दौरान घायल पक्षियों के संरक्षण हेतु मकर संक्रान्ति के दिन प्रात: 7 बजे से सांय तक चिह्वित विभिन्न स्थानों पर शिविर आयोजित कर उनकी तत्काल चिकित्सा सुनिश्चित करने के निर्देश भी प्रदान किये गये हैं। इसके अतिरिक्त पक्षियों को चोटिल होने से बचाने के लिए पतंगों में इस्तेमाल होने वाले घातक चाईनिज मांझे पर प्रतिबंध व प्रात: दस बजे से पहले तथा सांय 4 बजे के बाद पतंगबाजी पर प्रतिबन्ध लगाने को सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिये गए हैं।

 

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स्रोत: Krishak Jagat