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नीम बहुत ही उपयोगी वृक्ष है इसका प्रयोग सदियों से होता आ रहा है। आज भी इसका प्रयोग कृषि में बहुत जगह पर किया जाता है। नीम का प्रयोग कीटनाशक, खाद, फंगस रोग, जीवाणु रोग और अन्य कई तरह के ज़रूरी तत्व प्रदान करने के लिए किया जा सकता है।
खेतों में नीम का प्रयोग
रासायनिक दवाइयों की स्प्रे नीम में मिलाकर करें। इस तरह करने से रासायनिक दवाइयों के प्रयोग में 25—30 फीसदी कमी आती है।
नीम केक पाउडर डालने से खेत में कई प्रभाव देखे जा सकते हैं जैसे कि इससे पौधे नीमाटोड और फंगस से बचे रहते हैं।
नीम हानिकारक कीटों के जीवन चक्र को भी प्रभावित करती है जैसे कि अंडे, लार्वा आदि।
यदि नीम का गुद्दा यूरिया के साथ प्रयोग किया जाए तो खाद का प्रभाव बढ़ जाता है।
दीमक से बचाव के लिए 3—5 किलो नीम पाउडर को बिजाई से पहले एक एकड़ मिट्टी में मिलाएं।
मूंगफली में पत्ते के सुरंगी कीट के लिए 1.0 फीसदी के बीजों के रस या 2 फीसदी नीम के तेल की स्प्रे बिजाई के 35—40 दिनों के बाद करें।
जड़ों में गांठे बनने की बीमारी की रोकथाम के लिए 50 ग्राम नीम के पाउडर को 50 लीटर पानी में पूरी रात डुबोयें और फिर स्प्रे करें।