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कुंदरू एक बहुत उपयोगी तथा नगदी सब्जी फसल है। एक बार लगाने के बाद बेल 4-5 वर्ष तक फल देती है। केवल रखरखाव की जरूरत होती है। आपके क्षेत्र में कुंदरू की पैदावार होती है। आप भी लगायें परन्तु निम्न तकनीकी भी अपनायें।
उत्तम जल निकास वाली दोमट भूमि इसके लिये उपयुक्त है।
इसको जून-जुलाई तथा फरवरी-मार्च दोनों मौसम में लगाया जा सकता है।
लता की कटिंग से नया रोपण किया जाता है। 25-30 से.मी. लम्बी जिसकी मोटाई छोटी उंगली के समान है उपयुक्त होती है।
3x3 मीटर दूरी पर 30x30x20 से.मी. के गड्ढे तैयार कर लें उसमें 10 किलो गोबर खाद भरें।
उर्वरकों में प्रति बेल 50 ग्राम यूरिया, 100 ग्राम सिंगल सुपर फास्फेट तथा 10 ग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश डालें।
उन्नत किस्म जैसे एसी 5, एसी 48, आई.आई. व्ही.आर. सी1 एवं 2 का विकास किया गया है।
बेलों को सहारा देने के लिए तार का मंडप तैयार करें ताकि बेलों का विकास अच्छा हो और 2-4 साल तक उत्पादन मिलता रहे।
ग्रीष्मकाल में 5-7 दिनों के अंतर में सिंचाई करें।
फलन लगातार 8-9 माह तक होता है। 3-4 दिनों के अंतर से तुड़ाई करें ।