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आपकी प्याज की फसल पर बैंगनी धब्बा रोग आ रहा है जो बहुत ही खतरनाक है। इसके कारण पत्तियों से भोजन बनने की क्रिया पर विपरीत असर पड़ता है तथा उत्पादन प्रभावित होता है। धब्बों के चारों ओर लाल रंग की सीमा भी दिखाई देती है इसमें ही रोग के बीजाणु बनते हैं जिसका फैलाव हवा के द्वारा होता है। रोग के कारण 10-30 प्रतिशत उत्पादन में कमी आंकी गई है। इसकी रोकथाम के लिए निम्न उपाय करें।
यह रोग रोपाई के एक माह के बाद दिखने लगता है।
बार-बार यूरिया (नत्रजन) का असंतुलित उपयोग नहीं करें।
छिड़काव के लिये कापर ऑक्सीक्लोराइड जो बाजार में क्यूपरामार, ब्लूकापर, क्लिटाक्स 50, फाईटोलन आदि के नाम से उपलब्ध है का 0.3 प्रतिशत 30 ग्राम दवा 10 लीटर पानी में घोल बनाकर 15 दिनों के अंतर से छिड़काव करें।
बोर्डोमिश्रण बनाकर 4 भाग, नीलाथोथा 4 भाग, बुझा हुआ चूना तथा 500 भाग पानी बनाकर 15 दिनों के अंतर से दो छिड़काव करें।
रोग रोधी पत्तियां जैसे नासिक 53, एग्रीफाउंड लाईट रेड तथा अर्का कल्याण 1 का रोपण करें।
सिंचाई संतुलित की जाये ताकि रोग के बढऩे का वातावरण नहीं बन सके।