
Demand for applications for subsidy in straw management related machines

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खरीफ 2020 के दौरान पराली को संभालने वाली मशीनों पर उपदान के लिए आवेदन की मांग
सहकारी सभाओं/किसानों की रजिस्टर्ड सोसाइटी/रजिस्टर्ड किसान ग्रुप/ग्राम पंचायतों/फार्मर प्रोड्यूसर संस्थाओं के लिए 80 प्रतिशत और निजी किसानों के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी
धान की पराली को खेतों में ही संभालने के लिए नीचे लिखी खेती मशीनों पर उपदान देने का प्रबंध किया गया है।
- खेतों में ही मिलाने के लिए सहायक मशीनें सुपर एस.एम.एस, हैपी सीडर, पैडी स्ट्रॉ, चॉपर/श्रैडर/मल्चर/हाइड्रोलिक रिवर्सीबल एम.बी.प्लो, जीरो टिल ड्रिल, सुपर सीडर।
- खेतों में से पराली बाहर निकालने वाली मशीनें बेलर, रैक और क्रॉप रीपर।
ये आवेदन 24.08.2020 तक दिए जा सकते हैं।
आवेदन जमा करवाने के लिए जरूरी नुक्ते:
- ये आवेदन खेती विभाग के ब्लॉक अधिकारियों या जिला अधिकारियों को निर्धारित प्रोफार्मे में भरकर दिए जा सकते हैं। निर्धारित प्रोफार्मा विभाग की वैबसाइट पर देखा जा सकता है या विभाग के जिला और ब्लॉक दफ्तर से लिया जा सकता है।
- सहकारी सभाएं, किसानों की रजिस्टर्ड सोसाइटी/रजिस्टर्ड किसान ग्रुप/ग्राम पंचायतों/फार्मर प्रोड्यूसर संस्थाओं को भारत सरकार की तरफ से तैयार किए DBT Portal-Agrimachinery Direct Benefit Transfer in Agriculture Mechanization (www.agrimachinery.nic.in) पर या खेती विभाग की तरफ से बनाए गए पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवानी ज़रूरी होगी। इस संबंधी खेती विभाग के अधिकारियों की तरफ से रजिस्ट्रेशन करने में मदद की जाएगी।
- इस स्कीम के अधीन मंजूरशुदा मशीनों के निर्माता/डीलरों की लिस्ट खेती विभाग के दफ्तरों से और विभाग की वैबसाइट पर देखी जा सकती है।
- निजि किसान आवेदनकर्ता की तरफ से पिछले दो वर्षों के दौरान आवेदन में मांगी गई मशीन पर किसी भी स्कीम के तहत सब्सिडी प्राप्त ना की गई हो।
- ग्रुप की रजिस्ट्रेशन संबंधित एक्ट के अधीन लाज़मी होगी।
- बेलर/रैक मशीन के लिए पराली की गांठों के प्रयोग के हित किसी उद्योगिक विभाग से लिखती सहमती का सबूत देना लाज़मी होगा।
- जहां यह मशीन पहले उपलब्ध नहीं है, उन गांवों के किसानों/ग्रुपों वगैरह को मशीनरी पहल के आधार पर दी जाएगी।
- ग्राम पंचायत की तरफ से भी ग्रुपों की तरह किसानों के प्रयोग के लिए मशीन खरीदी जा सकेगी।
- सभी रजिस्टर्ड किसान ग्रुप अपना आवेदन पंचायत की तरफ से तसदीक करके देंगे और अन्य किसानों को मशीनरी विभाग की तरफ से तय किए किराये के रेट पर देने की स्व घोषणा देंगे।
अधिक जानकारी के लिए ब्लॉक खेतीबाड़ी अफ्सर/सहायक खेती इंजीनियर/मुख्य खेती अफ्सर के दफ्तरों में संपर्क किया जा सकता है। आवेदन प्राप्त होने के उपरांत स्कीम की शर्तें, आवश्यकताएं और फंडों की उपलब्धता के अनुसार मशीनों की संख्या और किस्म बढ़ाने घटाने का अधिकार विभाग के पास होगा।
खेतीबाड़ी और किसान भलाई विभाग और मिशन तंदरूस्त, पंजाब
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