Posted by CSK Himachal Pradesh Agricultural University, Palampur
Punjab
2021-04-26 13:25:08
पशु पालकों के लिए ज़रूरी सुझाव
आजकल प्रदेश के निचले भागों में खुरमुंही रोग फैलने की आशंका है। यह छूत का रोग मैदानी क्षेत्रों में बिक्री हेतु आने वाले पशुओं के द्वारा यहाँ के पशुओं में फैलता है। अत: पशु पालकों को इस रोग से बचाव हेतु अपने सभी पशुओं को टीके लगवा देने चाहिए। जिन पशुओं को रोग हो गया है उनका इलाज पशु चिकित्सिक की सलाह से करें।
गर्मियों में प्रदेश भर में किसान ज़्यादातर सूखे घटिया चारे जैसे भूसा-टांडा या घासनियों का सूखा घास ही पशुओं को खिलते हैं। अत: इस परिस्तिथि में प्रत्येक पशु को 40 ग्राम खनिज लवण मिश्रिण प्रति दिन की दर से अवश्य खिलाएं।
मुर्गियां गर्मियों में कम दाना खाती हैं। अत: उनकी खुराक में प्रोटीन की मात्रा बढ़ा दें ताकि उत्पादन पर विपरीत प्रभाव न पड़े।