Expert Advisory Details

idea99bihar_veg_22nd_jan.jpg
Posted by Dr. Rajendra Prasad Central Agricultural University Pusa, Samastipur, Bihar
Punjab
2021-01-22 11:49:39

आने वाले दिनों के लिए आलू, फूलगोभी और मटर से संबंधित परामर्श

आलू- वर्तमान मौसम आलू की फसल में पिछेती झुलसा रोग के फैलाव के लिए अनुकूल है। किसान भाई फसल की नियमित रुप से निगरानी करें। इस रोग में फसलों की पत्तियों के किनारे से झुलसना प्रारम्भ होती है जिसके कारण पुरा पौधा झुलस जाता है। इसके बचाव हेतु 2.0 से 2.5 ग्राम INDOFIL M45 फफूंदीनाशक दवा का प्रति लीटर पानी की दर से घोल बना कर छिड़काव करें। इस छिड़काव के 8-10 दिनों बाद पुनः RIDOMIL दवा का 1.5 से 2.0 गा्रम प्रति लीटर पानी की दर से घोल बना कर छिड़काव करें। कटवर्म या कजरा पिल्लू कीट का प्रकोप फसल में दिखनें पर बचाव के लिए क्लोरपायरीफॉस 20 ई सी दवा का 2.5 से 3 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें।

फूलगोभी- पिछेती फूलगोभी, पत्तागोभी, गाजर, मूली, मटर,बैंगन, टमाटर एवं मिर्च फसलों में निराई-गुराई एवं सिंचाई करते रहें। इन फसलों में रोग व्याधि से बचाव हेतु Carbendazim (bavistin) 2.0 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर समान रुप से छिड़काव करें।

मटर- मटर में फली छेदक कीट की निगराणी करें। इस कीट के पिल्लू फलियों में जालीनूमा आवरण बनाकर उसके नीचे फलियों में प्रवेश कर अंदर ही अंदर मटर के दानों को खाती रहती हैं। एक पिल्लू एक से अधिक फलियों को नष्ट करता है। कीट प्रबन्धन हेतु प्रकाश फंदा का उपयोग करें। 15-20 टी आकार का पंछी वैठका (वर्ड पर्चर) प्रति हेक्टर लगाएं। अधिक नुकसान होने पर क्वीनालफास 25 ई सी या नोवाल्युराॅन 10 ई सी का 1 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर फसल पर छिड़काव करें।