GKMS,UNA की तरफ से मुर्गीपालन और मछलीपालन से संबंधित परामर्श
मुर्गीपालन- मुर्गियों को बीमारयों से बचाने के लिए मुर्गीघरों में नमी मत होने दें। मुर्गीघरों में डीप लीटर को दूसरे तीसरे दिन उल्ट दे, ताकि बीमारी न फैले। मुर्गियों को साफ पानी दें। ब्राईलर को लगातार फीड देते रहें। मुर्गियों के अण्डों का उत्पादन बढ़ते हेतु रौशनी 14 से 16 घंटे का उचित प्रबंध करें।
मछली पालन- आजकल का समय मछलियों को पलने का है। तालाब में पानी का स्तर पांच फ़ीट तक बनाए रखें। अगर पानी का रंग लाल नज़र आए तो उस अवस्था में पानी कि सतह को छड़ी से सुबह सूर्य निकलने से पहले व शाम को सूर्य अस्त के बाद हिलाएं। अगर पानी लाल होने लगे तो मेनयोर व आयल केके डालना बंद कर दें। मछलियों को तालाबों में खाद व खुराक को नियमित रूप से शारीरिक वजन के हिसाब से आहार दें।