गेहूं, दलहनी और सरसों की खेती करने वाले किसानों के लिए सुझाव
आगामी पांच दिनों के लिए उक्त जलवायु के हिसाब से कृषि की सलाह दी जाती है। अगले पांच दिनों में वर्षा की संभावना नहीं है। अधिकतम तापमान 35 से 37 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 12 से 14 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है। हवाओं की गति 14 से 15 किलोमीटर प्रति घंटे के हिसाब से चलेगी। सापेक्षित आद्रता लगभग 18 से 60 के बीच रहेगी। हल्के बादलों की संभावना है।
गेहूं- गेहूं की रतुआ संवेदनशील अगेती बुवाई किस्मों में पीला रतुआ बीमारी के लक्षण जैसे गेहूं के पत्तों पर पीले रंग के छोटे-छोटे दाने सीधी धारियों में प्रकट हों व दूसरी ओर पत्तों में पीलापन दिखाई दे तो अनुशंसित रसायनों का छिड़काव करें व 15 दिन के अंतराल पर दोहराएं। गेहूं की फसल में यदि दीमक का प्रकोप दिखाई दे तो बचाव हेतु किसान भाई क्लोरपायरीफॉस 20 ई सी 2.0 लीटर प्रति एकड़ सिंचाई के साथ दें।
दलहनी- निचले व मध्यम पर्वतीय क्षेत्रों में सूरजमुखी फसलों की बुवाई खत्म करें। निचले क्षेत्रों में मूंग और उड़द की फसलों की बुबाई खत्म करें, बुवाई से पूरब बीजों को फसल विशेष राईजोबियम से अवश्य उपचार करें। जिन किसानों के खेत खाली है, तो खेत तैयार करके बुवाई शुरू करें।
सरसों- पूर्ण रूप से पक चुकी तोरिया या सरसों की फसल को अतिशीघ्र काट दें। 75 से 80 प्रतिशत फली का रंग भूरा होना भी फसल पकने के लक्षण है। फलियों के अधिक पकने की स्तिथि में दाने झड़ने की संभावना होती है। अधिक समय तक कटी हुई फसलों को सूखने के लिए खेत में ही रखने पर मिलीबग से नुकसान होता है अत: वे जल्द से जल्द गहाई करें। गहाई के बाद फसल अवशेषों को नष्ट कर दें, इससे कीट की संख्या को कम करने में मदद मिलती है।