आने वाले दिनों के लिए पशुपालन, मुर्गीपालन और मछली पालन से संबंधित परामर्श
पशुपालन- पशुओं को ठंड से बचाएं और जगह को सूखा रखें। पशुओं को खांसी के लिए निरीशकल कराएं। नवजात बछड़ों को सर्दी से विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है क्योंकि वे निमोनिया के लिए संवेदनशील होते है इसलिए उन्हें सूखा विस्तर और ठंडी हवाओं से सुरक्षा प्रदान करके गर्म रखें। उन्हें तीन दिनों के लिए दूध में प्रतिदिन 1 मिलीलीटर विटामिन A दें और एक महीने के बाद दोहराएं।
मुर्गीपालन- मुर्गियों को कैल्सीयस के कंकड़ दें। मुर्गियों के दाना मिश्रण में ऊर्जा की मात्रा बढ़ा दें। मुर्गियों को इकोलोई व कोकासिडिया बिमारियों से बचाएं। मुर्गियों को बिमारियों से बचाने के लिए मुर्गीघरों में नमी मत होने दें। मुर्गीघरों में डीप-लीटर को दूसरे तीसरे दिन उल्ट दे, ताकि बीमारी न फैले। मुर्गियों को साफ पानी दें , ब्राईलर को लगातार फीड देते रहे। मुर्गियों को अण्डों का उत्पादन बढ़ने हेतू रौशनी 14 से 16 घंटे का उचित प्रबंध करें। रानीखेत बीमारी के लिए टीकाकरण करवाएं।
मछली पालन- मछली पालन की ऋतू खत्म हो रही है इसलिए सभी मछलियों को निकाल कर व तालाबों को खाली करके इनके रखरखाव की व्यवस्था करें।