द्वारा प्रकाशित किया गया था पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी, लुधियाना
पंजाब
2019-08-05 10:48:53
Some suggestions for curing maize crop in August month
मक्की की अच्छी वृद्धि के लिए उपयुक्त सिंचाई करना ज़रूरी है। ज़्यादा समय तक खेत में खड़ा पानी मक्की की फसल सहन नहीं कर सकती। इसलिए ज़्यादा खड़ा पानी खेत में से बाहर निकालें, इससे फसल में तना गलने का रोग कम होता है। खड़े पानी का नुकसान दिखाई दे तो 3 प्रतिशत यूरिया घोल के 2 छिड़काव सप्ताह के अंतराल पर करने या ज़्यादा नाइट्रोजन 22-24 किलो (25-50 किलो यूरिया) प्रति एकड़ डालने से नुकसान कम किया जा सकता है। पी एम एच 1, प्रभात और पंजाब स्वीट कॉर्न को 37 किलो यूरिया की अंतिम किश्त प्रति एकड़ के हिसाब से बूर पड़ने पर डाल दें। पर पी एम एच 2/केसरी/पर्ल पॉपकॉर्न को 25 किलो यूरिया प्रति एकड़ डालें। पत्तों के झुलस रोग की रोकथाम के लिए फसल पर इंडोफिल एम-45, 200 ग्राम को 100 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। मक्की के गड़ुयें की रोकथाम के लिए 30 मिलीलीटर कोराजन 18.5 ताकत को 60 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव किया जा सकता है। इस महीने के दुसरे पखवाड़े में भी मक्की (पी एम एच 1 या पी एम एच 2) की बिजाई की जा सकती है। इस फसल की उपज जून में बिजाई की गई फसल के मुकाबले बहुत ज़्यादा होता है। बिजाई कतारों में 60 सेंटीमीटर दूरी और पौधे से पौधे का फासला 20 सेंटीमीटर रखकर करें। बिजाई समतल और मेड़ों के एक तरफ मौसम को देखते हुए करें। इस फसल को खाद खरीफ की मक्की वाली ही डालें।