विशेषज्ञ सलाहकार विवरण

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द्वारा प्रकाशित किया गया था Punjab Agricultural University, Ludhiana
पंजाब
2021-12-22 11:10:56

Pay attention to farmers, who work in animal husbandry

पशु पालन- पशुओं का दूध निकालने के बाद थनों पर दूध न लगाएं।

  • फटे हुए या जख्मी थनों को ग्लिसरीन और आयोडीन (1:4) का घोल लगातार देते रहें।
  • पशुओं को अफारे से बचाने के लिए काटी हुई बरसीम में तुड़ी मिलाकर खिलानी चाहिए ।
  • पशुओं को सिर्फ पराली न डालें।
  • खारकी कारण से अफारे की रोकथाम के लिए तारपीन का तेल (50-60ml) या 250-300ml कोई भी तेल (सरसों या अलसी) पिलाए।
  • इन पशुओ का चारा डालने के बाद खासतौर पर ध्यान रखें।
  • इसके इलावा टिमपोल पाउडर (50-60gm) या ब्लॉटॉसिल का घोल (70-100ml) भी जरुरत अनुसार दिया जा सकता है।
  • यदि अफारा बहुत अधिक हो तो मैदे में से हवा निकालनी बहुत जरुरी हो जाती है।