PAU Advisory for Groundnut and FODDER PRODUCTION Crop
मूंगफली- जब फली विकास पर होती है तो फसल को पानी की कमी न आने दें, नहीं तो मूंगफली की पैदावार बहुत ही कम हो जाएगी। मूंगफली की फसल को टिक्का रोग से बचाने के लिए अगस्त के पहले सप्ताह से 500-750 ग्राम घुलनषील सल्फर को 200-300 लीटर पानी में घोलकर या फिर Bavistin/ Derosal/Agrozim 50-60 ग्राम 100 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव शुरू करें और 15 दिनों के अंतराल से 3-4 दोहराएं।
हरा चारा- सितंबर के बीच में चारे के मक्की की बिजाई कर दें। बरसीम के लिए खेत तैयार कर लें और अंतिम सप्ताह में बिजाई कर दें।बिजाई करते समय जई और सरसों को मिला दें क्योंकि जो पहली कटाई हो भरपूर मात्रा में हासिल हो। बरसीम का बीज काशनी रहत होना चाहिए। बिजाई से पहले बीज को Rhizobium का टीका लगाएं। बरसीम की बिजाई के समय 22 किलो यूरिया और 185 किलो सिंगल सुपरफास्फेट प्रति एकड़ डालें।यदि खेत में 6 टन गली-सड़ी रूड़ी डाली गई है तो 125 किलो सिंगल सुपरफास्फेट प्रति एकड़ डालें। यदि बरसीम में राई घास मिलाकर बिजाई की गई है तो 22 किलो यूरिया खाद हर कटाई मगर डालें। मक्की, बाजरा के फालतू पड़े हुए हरे चारे का आचार बना लें जो कि हरे चारे की कमी आने के समय प्रयोग में आ सके।