द्वारा प्रकाशित किया गया था Punjab Agricultural University, Ludhiana
पंजाब
2019-12-04 13:37:43
Experts' advice for production of green fodder
माहिरों की तरफ से हरे चारे के लिए बताये गए सुझाव इस तरह हैं:
हरे चारे की कमी को पूरा करने के लिए इस महीने अगेती जई की कटाई करें। यदि खेत में बुई (पोया घास) बहुत हो तो जई की दो कटाई ना करें। हरे चारे की कमी वाले समय हरा चारा प्राप्त करने के लिए लूसर्न की कटाई की जा सकती है। धान वाले फसली चक्र में रेतली ज़मीनों में बिजाई की गई बरसीम की फसल पर मैग्नीज़ की कमी आ सकती है। इस कमी के कारण मध्यम तने के पत्तों के ऊपर भूरे गुलाबी रंग के धब्बे पड़ जाते हैं जो बाद में सूखकर झड़ जाते हैं और पत्ते में सुराख होकर जाली की तरह हो जाते हैं। कमी को ठीक करने के लिए 0.5% मैग्नीज़ सल्फेट (1 किलो मैग्नीज़ सल्फेट 200 लीटर पानी प्रति एकड़) का छिड़काव फसल की कटाई के बाद दो सप्ताह के नए फुटारे पर करें और सप्ताह-सप्ताह के बाद 2-3 छिड़काव करें। यदि बरसीम में तना गलने का रोग हो तो फसल की कटाई के बाद खेत को धूप लगने दें।