द्वारा प्रकाशित किया गया था पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, लुधियाना
पंजाब
2019-12-13 13:23:15
Experts' advice for dairy farming in December
अपने पशुओं को सूखी जगह पर बॉंधें। उनके नीचे बिछाया हुआ सूखा अगर गीला हो जाए तो बदल दें। नवजात/ कटड़े और बछड़े ठंड में निमोनिया का शिकार जल्दी हो जाते हैं और ज्यादा मृत्यू इस कारण से होती हैं। उन्हें साफ - सुथरी सूखी जगह पर रखें। रात में पशुओं को अंदर रखें और दिन में धूप में बॉधें अगर जरूरत पड़े तो शेड के किनारों पर बोरियों से बने पर्दे भी लगाए जा सकते हैं। ज्यादा ठंड में पशुओं के ऊपर मोटे कपड़े भी डाले जा सकते हैं। पशुओं को सुबह - शाम दूध निकालते समय देखना चाहिए है यदि पशु तारां करता हो तो उसे गर्भधान का टीका लगवाना चाहिए। पशुओं का दूध निकालने के बाद थनों के ऊपर दूध न लगाएं। फटे हुए या जख्मी थनों को ग्लिसरीन और बीटाडीन (1: 4) के घोल में डुबोकर ठीक किया जा सकता है। पशुओं को अफारे से बचाने के लिए कतरी हुई बरसीम में भूसा मिलाकर खिलाना चाहिए। पशुओं को अकेली पराली न डालें क्योंकि पराली में मिट्टी होने के कारण पशुओं को मोक भी लग सकती है। बड़े पशुओं और एक महीने से ऊपर वाले बच्चों को मुँह - खुर के टीके लगवाएं।